मुंगेली. किसानों का त्यौहार कहे जाने वाले सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “धान समर्थन मूल्य योजना” में बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है. जहाँ शासकीय भूमि की जमीन पर किसान का रकबा बढाकर धान बेचकर शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया है. हालांकि इस मामले में जांच के बाद दोषी पाए गए 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया है. लेकिन मामले की जांच और कार्रवाई पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं. इस मामले पर राजनीति भी अब चरम पर है.
सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक धान समर्थन मूल्य योजना जिसे किसानों का त्यौहार कहा जाता है. इस योजना पर धान बेचने के लिए पंजीयन से लेकर भुगतान तक के लिए किसानों को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ता है. लेकिन मुंगेली जिले के सेवा सहकारी समिति सुरेठा में सरकार को करोड़ों का चूना लगाने के कारनामा को अंजाम दिया गया है. वो भी बहुत आसान तरीके से. जहाँ फर्जी तरीके से राजस्व अमला, सेवा सहकारी समिति सुरेठा और रसूखदार किसानों के द्वारा षड्यंत्र तरीके से मंदिर और शासकीय भूमि को राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के साथ मिलकर किसान द्वारा अपने नाम में चढ़ाकर रकबा बढाकर पंजीयन करवाया गया है. समिति के कर्मचारियों की संलिप्तता से धान विक्रय किया गया. बाकायदा इसका भुगतान कर दिया गया.
योजना में सरकार को करोड़ों रुपए के नुकसान की यह जानकारी लगते ही मंदिर की भूमि के ट्रस्टी और बीजेपी के पदाधिकारियों ने इसकी शिकायत प्रशासन से की. जिसपर मुंगेली कलेक्टर अजित वसंत के द्वारा जांच की जिम्मेदारी एसडीएम लोरमी को दिया गया. जिस पर लोरमी एसडीएम ने इतनी तत्परता के साथ जांच की और 3 दिवस के भीतर नामजद 11 लोगों के ऊपर दोष सिद्ध करते हुए प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंप दिया. जिसपर कलेक्टर के निर्देशन पर सहायक पंजीयक के द्वारा सेवा सहकारी समिति सुरेठा के धान खरीदी प्रभारी, बारदाना प्रभारी, कम्प्यूटर आपरेटर, सम्बन्धित क्षेत्र के पटवारी सहित आधा दर्जन किसान के साथ 11 लोगों के खिलाफ लालपुर थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया गया है. पुलिस विवेचना कर फरार आरोपी की लगातार पतासाजी कर रही है.