सोमवार को यहां ‘राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव 2021’ में बांस से बनी अनूठी साइकिल ‘बंबूका’ का शुभारंभ किया गया। जगदलपुर निवासी और नेचरस्केप के संस्थापक-सलाहकार आसिफ खान ने छत्तीसगढ़ की पहली बांस साइकिल बनाकर परियोजना की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि बांस की साइकिल बनाने में बस्तर की चार प्रमुख कला और शिल्प शामिल हैं: ढोकरा कला, लोहा (गढ़ा), ‘शीशल’ (लकड़ी) और बांस शिल्प।
उन्होंने कहा कि ये सभी दस्तकारी हैं, जो आदिवासी बहुल बस्तर क्षेत्र की पहचान है। “हमने बांस से साइकिल बनाने की एक परियोजना शुरू की है, और बी 1 प्रोटोटाइप चक्र तैयार किया गया है। यह छत्तीसगढ़ में पहली कमर्शियल लाइन साइकिल है और भारत में चौथी है।” उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य विलुप्त हो रही बांस कला को पुनर्जीवित करके और इसे वैश्विक मंच पर बढ़ावा देकर बस्तर के आदिवासी युवाओं को रोजगार देना है। खान ने कहा कि साइकिल का वजन सिर्फ 8.2 किलोग्राम है। लोगों के लिए इसका उपयोग करना सुविधाजनक है। साइकिल को संशोधित किया जा सकता है और खरीदार की मांग के अनुसार डिजाइन में मामूली बदलाव किया जा सकता है।