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छत्तीसगढ़: कलेक्टर की जनचौपाल में युवक ने पिया जहर, मची अफरा तफरी

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रायपुर : आज सँयुक्त जिला कार्यालय में आयोजित जन चौपाल के दौरान एक आकस्मिक घटना में रोहन नाम युवक ने कीटनाशक का सेवन कर लिया।उक्त घटना को कलेक्टर डोमन ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए विस्तृत जानकारी मीडिया के समस्त साथियों को तत्काल अवगत कराया। उन्होंने घटनाक्रम विस्तृत जानकारी देते हुए बताया की आवेदक रोहनदास मानिकपुरी पिता श्री बुधेश्वर मानिकपुरी ग्राम गाड़ापाली,तहसील बिलाईगढ़ निवासी है। उक्त आवेदक आते ही बिना चर्चा किए टेबल में अपने आवेदन को रखकर अपने साथ लाए एक छोटी दवा की जैसी बोतल जिसमे कीटनाशक था उसका सेवन कर लिया। जिला के समस्त अधिकारी वहां पर उपस्थित थे।

घटना को देखते हुए उन्हें तत्काल जिला हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां उनका उपचार जारी है एवं खतरे से बाहर है स्वास्थ्य में तेजी से सुधार जारी है। साथ ही उनके बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए है। उनसे पूछताछ एवं आवेदन से सम्बंधित विभागीय अधिकारियों से जानकारी ली गयी जिसमे रोहन दास मानिकपुरी द्वारा वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री रोजगार श्रृजन कार्यक्रम के अंतर्गत ऑनलाइन फार्म जमा किया गया। टी. एफ. सी. बैठक 3 फरवरी 2016 को भारतीय स्टेट बैंक गार्डन चौक बलौदाबाजार में हुआ। जिसमें उक्त प्रकरण का अनुमोदन हुआ। उक्त प्रकरण बैंक से रिजेक्ट कर दिया गया।

आवेदक द्वारा पुनः परिवार मूलक योजनान्तर्गत 30 अगस्त 2016 को कम्प्यूटर सेंटर हेतु ग्रामीण बैंक सरसीवां को प्रेषित किया गया। सरसीवां ग्रामीण बैंक द्वारा श्री मानिकपुरी को 50 हजार रु स्वीकृत किया गया। उक्त प्रकरण का खादी ग्रामोद्योग बलौदाबाजार द्वारा 21 मार्च 2017 को 13 हजार 5 सौ रु की सब्सिडी छ.ग. ग्रामीण बैंक सरसीवां को भेज दिया गया। शेष राशि बैंक द्वारा प्रदान नही की गयी। इसके पश्चात आवदेक श्री मानिकपुरी द्वारा W.P.(C) No-2149/2018 द्वारा खादी ग्रामोद्योग एवं शासन को पार्टी बनाया गया। जिसका विभाग द्वारा हाईकोर्ट को जवाब दावा प्रस्तुत करने के लिए खादी ग्रामोद्योग बिलासपुर पंकज अग्रवाल सहायक संचालक ग्रामों. को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया था।

प्रभारी अधिकारी द्वारा समय सीमा में जवाब दावा प्रस्तुत किया गया था। दिनांक 13 जनवरी 2022 को अंतिम सुनवाई वी.सी. के माध्यम से की गई जिसमें माननीय न्यायधीश महोदय के द्वारा उक्त प्रकरण को खारिज कर दिया गया। एवं साथ ही आदेशित किया कि आप इन्हें वेंडर का बिल दे दिजीए जिससे यह आप को शेष राशि हस्तांतरित कर दी जाएगी। आवेदक के द्वारा पी.एम.जी.पी में लेट होने के कारण परिवार मूलक दोनो में आवेदन किया गया जिसमें परिवार मूलक में स्वीकृत 50 हजार रु. के सब्सिडी 13 हजार 500 रु को बैंक द्वारा उनके खाते में जमा कर दिया गया है।

शेष राशि के संबंध में ग्रामीण बैक सरसींवा के मैनेजर ने बताया कि वह व्यक्ति हमे समान खरीद कर वेंडर या स्पालयर का बिल प्रस्तुत नही कर रहा है। जिस कारण हम उसे राशि हस्तांतरित नही कर पा रहे है। अगर वह आज दिनांक भी बिल प्रस्तुत करता है तो हम सीधा शेष राशि वेंडर या स्पालयर को हस्तांतरित कर दी जाएगी। यही बात हमे हाईकोर्ट ने भी कहा है। इसके साथ ही कलेक्टर डोमन सिंह ने एडीएम राजेंद्र गुप्ता को जांच करनें के निर्देश दिए है। एवं उनका विस्तृत रिपोर्ट 7 दिन के भीतर प्रस्तुत करने कहा है।

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