रायपुर। प्रदेश के राजधानी के एक बैंक में 2000-500 के लाखों के नकली नोट मिलने से बैंक में हड़कंप मच गया। ये नोट लोगों द्वारा बैंक में जमा करवाये गए हैं। पांच साल पहले केंद्र सरकार की ओर से नवंबर 2016 में नोटबंदी लागू की गई थी। उसके बाद भी बाजार में नए नोटों का नकली वर्जन आ जाना कहीं न कहीं गड़बड़ी की ओर इंगित करता है।
बता दें कि नवंबर 2016 में नोटबंदी लागू होने पर आम लोगों के लिए हाहाकार जैसी स्थिति पैदा हो गई थी। बावजूद इसके लोगों ने सारी परेशानियों को इस उम्मीद में सहन किया कि अब नकली नोटों पर लगाम लग जाएगा, लेकिन अफसोस कि उम्मीद बेमानी साबित हुई है। देखा जाए, तो अब बाजार में नकली नोटों ने अपना कब्जा जमा लिया है। इतना ही नहीं बैंकों में नकली नोट मिल रहे हैं।
इस खबर से बैंक प्रबंधन में हड़कंप मच गया है। क्यों कि नकली नोट बैंकों के करंसी चेस्ट (खजाने) तक में सेंध लगाने लगे हैं। प्रबंधन सोच में है कि ये नोट बैंक से ही हैं या बाहर से आया है।
दरअसल छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। 2 हजार के नकली नोट बाजार में चलने लगे हैं, लेकिन अब उससे भी चौंकाने वाली खबर यह आई है कि 2 हजार रुपए के नकली नोट बैंकों के करंसी चेस्ट (खजाने) तक में सेंध लगाने लगे हैं। नोटबंदी के बाद भी बैंक में जमा हुए लाखों के नकली 2000, 500, 200, 100 के नोट जमा हुए हैं।
पुलिस के अनुसार बैंक के रिकॉर्ड में तो राजधानी के एक्सिस बैंक में 4 साल से नकली नोट जमा होते रहे, लेकिन प्रबंधन को भनक तक नहीं लगी। उक्त नकली नोटों को सिविल लाइन ब्रांच के बैंक कर्मचारी और न मशीन पकड़ सके। ऐसे में शातिरों का हौसला बुलंद होता गया औऱ बैंक को चूना लगता गया।
जांच में कुल 5 लाख 60 हजार के नकली नोट जब्त हुए हैं। जानकारी अनुसार साल 2018 जनवरी से दिसंबर 2021 तक जाली नोट जमा हुए हैं। जब्त नोटो में 2000, 500, 200, 100, 50 और 10 के नोट शामिल हैं। इसमें बैंक मैनेजर समेत कई कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है। सिविल लाइन थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। उच्चाधिकारी ये चिंतन-मनन कर रहे हैं कि जांच कहां से शुरू करना है और कौन का रिकार्ड खंगालना है।