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ग्रामीण बैंक की लचर व्यस्था से ग्रामीण हुवे परेशान जल्द ही हो व्यस्था में सुधार नहीं तो करेंगे उग्र आंदोलन

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सूरजपुर/IRN.24… जिले का दुरांचल आकांक्षी ब्लॉक मुख्यालय प्रतापपुर के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक केवरा भैंसामुण्डा में विगत तीन दिनों से ग्राहकों को अपना पैसा नहीं मिल पा रहा है लोगों को अपना पैसा लेने हेतु बैंक प्रबंधन के द्वारा परेशान किया जा रहा है ग्रामीण रोज के रोज बैंक का चक्कर काट रहे ग्रामीण पैसों के इंतजार में सुबह से शाम तक बैंकों के पास आस लगाए बैठे रहते हैं कि कब उनको अपना पैसा मिलेगा और कब तक आएगा और हम लोगों की परेशानी दूर होगी लेकिन बैंकों में सिर्फ आश्वासन पर आश्वासन दिया जा रहा है इसके अलावा कुछ भी नहीं मिल पा रहा वही बैंक मैनेजर का कहना है कि पैसे जल्द आएगा व्यवस्था बहाल होगा लेकिन कब होगा लोग सुन सुन कर परेशान हो चुके अगर यही हाल रहा तो ग्रामीण बहुत जल्द ही उनके द्वारा सड़कों में उतरकर एक बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे लोग अपनी जरूरत को समय पर पूरा करने के लिए पैसों को बैंक में रखा करते हैं ताकि समय पर हमारा पैसा मिल सके और हम अपनी ज़रूरतें पूरी कर सके लेकिन कई दिनों से बैंकों के चक्कर काटने से लोगों को मायूसी व आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला जबकि शादी का सीजन चल रहा जिसमें लोगों को खरीदारी करनी होती हैं जिसमें पैसों की सख्त जरूरत पड़ती है और हो भी क्यों ना इसी दिन के लिए तो लोग अपने पैसे बैंकों में रखा करते हैं कि हमें जब जरूरत पड़ेगी तब हम जाकर अपने पैसे बैंक से निकाल कर अपनी काम निकाल सकते है लेकिन बैंकों में तो उल्टी गंगा बह रही तथा लोगों को इलाज करवाने तक के लिए चंद चंद पैसों के जूझना पड़ रहा ख़ास कर ज्यादा परेशानी बुजुर्ग को हो रही जो बैंकों के चक्कर काट काटकर मजबूर हो चुके है और किसानों को विभिन्न प्रकार की बीजों को लेने के लिए पैसे नहीं मिलने के कारण विभिन्न परेशानियां उत्पन्न हो रही हैं और इस कड़कती ठंड में पहनने के लिए स्वेटर शाल कंबल खरीदने के लिए पैसों की सख्त जरूरत पड़ती है लेकिन बैंकों में पैसे नहीं मिलने के कारण तरह तरह के परेशानिया उत्पन्न हो रही है जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा ग्रामीणों का साफ साफ़ कहना है कि हमारा पैसा हमें ही नहीं मिल रहा जो चर्चा का विषय बना हुआ है इस और तो और इस डिजिटल दुनिया में लोग संतुष्ट नहीं हो पा रहे हैं कभी सर्वर डाउन कभी लिंक फेल जैसे विभिन्न टेक्नोलॉजी की समस्याएं उत्पन्न कर ग्रामीणों को परेशान किया जाता है और ग्रामीणों का समय बर्बाद किया जाता है लेकिन ना तो कोई इस समस्याओं को लेकर ना कोई संज्ञान लेने वाला ना तो कोई सुनने वाला ना कोई देखने वाले गांव के लोग भोलेभाले व दिल के साफ़ होते है जिसका भरपूर लाभ अधिकारी सहित कर्मचारी उठाते रहते हैं थोड़ी सी काम के लिए दिन दिन भर लोगों को बैठाया जाता है जो समझ से परे है आख़िर जिम्मेदार कौन और कब बदलेगा हमारा सिस्टम और कैसे मिलेगा लोगों को गंभीर समस्याओं से निजात कब होगी बैंकों में पेसो की व्यवस्था बहाल ताकि लोग अपनी समस्याओं से उभर सकें देखने वाली बात होगी।

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