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ग्रामीणों ने लगाया 15वें वित्त की राशि को गबन करने का आरोप

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अरविंद जायसवाल के नेतृत्व में ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप

बलरामपुर- राजपुर ब्लाक के ग्राम खोखनिया में 15वें वित्त मद से खर्च करने के लिये शासन द्वारा विशेष प्रबंध किये गये हैं। किन्तु इन राशि का अधिकारियों के साथ मिली-भगत कर ग्राम पंचायत के सरपंच – सचिव उपसरपंच ने बंदरबाट कर अपनी जेबे भर रहे हैं। 15वें वित्त योजना के तहत् टाईड एवं अनटाईड दो भागों में राशि का वितरण होता है। जिसमें विशेष कार्यों के लिये खर्च करने हेतु प्रावधान भी है, किन्तु इन राशियों को निर्माण कार्य के नाम पर खर्च कर बंटरबाट किया जा रहा है। स्थल पर बिना कार्य कराये ही राशि का आहरण कर लिया जा रहा है। बल्कि इस राशि को खर्च के लिये गलत तरिके व्यवसायिक फर्म भी कागजों में बना कर भुगतान कर दिया जा रहा है। 15वें मद से राशि तो खर्च कर दी गई है लेकिन स्थल पर कार्य ही दिखाई नहीं दे रहा है। यह पुरा मामला ग्राम पंचायत खोखनिया का है जहां ग्रामीणों ने पंचायत के सरपंच व सचिव पर यह आरोप लगाया है कि 15वें वित मद से बिना नाली निर्माण किये ही करीब 1 लाख 60 हजार रूपये, कुर्सी 63 हजार, मुर्मीकरण 95 हजार, सेड निर्माण 45 हजार, हैंडपंप खनन 95 हजार का फर्जी फर्म के नाम से राशि आहरित कर ली गई है। ग्रामीणों ने इस मामले में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से जांच कराने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि दोषियों के ऊपर कड़ी कार्यवाही की जाये, जनहित के राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है।

ग्रामीणों से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत के सरपंच व सचिव द्वारा 15वें वित मद की राशि से फर्जी काम दिखाकर शासकीय राशि का गबन कर लिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच व सचिव को पंचायत के विकास से कोई लेना-देना नहीं है, वे अपने विकास पर ध्यान केन्द्रीत किये हुए हैं। 15वें वित्त की राशि से दिखाया है, जिसके एवज में एक लाख तिनानवे हजार रुपए फर्जी बिल लगाकर मुरारी ट्रेडर्स के नाम पर राशि का आहरण कर आपस में बांट लिया गया है। मुरारी व्यवसायिक फर्म जो केवल कागजों में है, जो सरपंच-सचिव की देन है के नाम पर 15वें वित्त की राशि को खर्च कर ली गई। जबकि सच्चाई कुछ और है जिस जगह नाली निर्माण बनाना बताया है उस स्थान पर कहीं भी नाली नहीं बनवाया गया है, ग्रामीणों ने साथ जाकर उक्त स्थल भी दिखाया जहां पर नाली निर्माण के नाम पर राशि का आहरण किया गया, पर उस स्थल में किसी तरह तरह का न तो निर्माण हुआ है और न ही कोई निर्माण सामग्री स्थल पर है। जो ग्रामीणों के आरोप पर सीधे-सीधे भ्रष्टाचार की बात को परिलक्षित करता है। ग्राम सभा में ग्रामीणों ने सरपंच-सचिव से 15वें वित्त की राशि की जानकारी चाहिए गई। लेकिन उनके द्वारा किसी भी तरह का जानकारी देने से इनकार कर दिया गया जिसमें अब ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल सरपंच सचिव पर कड़ी से करो कड़ी कार्रवाई की मांग की है। 15वीं की राशि को गबन करने के विरोध में अरविंद जायसवाल, शुभम जायसवाल, सत्येंद्र जायसवाल, वीरेंद्र जायसवाल, प्रज्ञाग जयसवाल, बंसीलाल व अन्य उपस्थित रहे।

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