गड़बो नवा छत्तीसगढ़”और मुख्यमंत्री शिक्षा अलंकरण सम्मान के चयन में स्थानीय राजनीतिक दुर्भावना के शिकार हो रहे हैं योग्य शिक्षक,
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सूरजपुर जिले में शिक्षण कार्य से दूर रहने वाले शिक्षकों का चयन होना दुर्भाग्य किंतु जांच का विषय,,
रायपुर/सूरजपुर… (डॉ प्रताप नारायण सिंह) जिस प्रदेश में सरकारी स्कूल के बच्चे कहें की हमें स्कूल में अच्छा लगता है घर में नहीं, सामान्य ज्ञान इतना की प्रदेश में कितने विकासखंड है मासूम बच्चे फराटेदार बताते हैं यहां तक की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कौन सी योजना देश के लिए रोल मॉडल है यह तक जानते हों, मध्यान भोजन से पहले हिंदी तथा संस्कृत दोनों में भोजन मंत्र के बाद भोजन करते हो, 31 तक का टेबल बेझिझक कहने के साथ अनुशासन में नंबर वन, जिस विद्यालय का शैक्षणिक वीडियो प्रदेश के शिक्षा सचिव तक देखते हों, स्कूल का वातावरण, बच्चों की मानसिकता जहां किसी इंटरनेशनल प्राइवेट स्कूल से कम नहीं है,, सोशल मीडिया वर्ल्ड डिजिटल प्लेटफॉर पर जिस स्कूल की चर्चा कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के पूर्व से अब तक हो रही हो,,,, वह प्रदेश निश्चित ही शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली के केजरीवाल मॉडल को चुनौती देते हुए उनसे कहीं आगे बढ़ सकता है।
किंतु यह सुनकर बेहद दुख होता है की प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में आने वाले इस विद्यालय जिसकी हम बात कर रहे हैं सूरजपुर जिले के प्रतापपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत सोनगरा का सारसताल शासकीय प्राथमिक स्कूल है,, और इसे आदर्श विद्यालय बनाने के लिए यहां के प्रभारी प्रधान पाठक रंजय कुमार सिंह अपनी पदस्थापना से ही स्कूल के बच्चों के प्रति लगाव उनकी सुरक्षा, किचन गार्डन और भोजन की व्यवस्था को लेकर सजग और बेहतरीन अध्यापन कला के लिए सुर्खियों में रहते हैं। इस विद्यालय की चर्चा प्रदेश स्तर तक होती है, ऐसे शिक्षक को राजनीतिक दुर्भावना की वजह से मुख्यमंत्री शिक्षा अलंकरण सम्मान की सूची से विकासखंड तथा जिला स्तर पर चयन के बावजूद हटा दिया गया है,,,,,
आखिर इस उपेक्षा की वजह क्या है—– इतने योग्य और अपने विद्यालय के छात्रों के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित एक योग्य शिक्षक जिसका चयन निश्चित तौर पर प्रदेश स्तरीय मुख्यमंत्री शिक्षा अलंकरण सम्मान के लिए होना चाहिए था उस शिक्षक को आखिर क्यों नहीं चयनित किया गया ? जब इस तथ्य की बारीकी से जानकारों से मिलकर विश्लेषण किया गया तो चौंकाने वाली बात सामने आई,, सूत्रों ने बताया कि इस सम्मान के लिए जिले में सबसे योग्य शिक्षक का चयन मात्र इसलिए नहीं किया गया कि उनकी पारिवारिक राजनीतिक पृष्ठभूमि गैर सत्ताधारी दल से है। और कुछ स्थानीय सत्ताधारी दल के छूटभैया नेता चयन सूची से इनका नाम हटवाने में पिछले 3 वर्षों से कामयाब हो रहे हैं,,,,,,,,,
इस मसले पर जब हमारी बात शिक्षक रंजय सिंह से हुई तब उन्होंने कहा मैं अपना कर्तव्य निभा रहा हूं और विद्यालय के छात्र मेरे बच्चों के समान हैं उनकी शिक्षा और दीक्षा में मेरी ओर से कभी कमी नहीं होगी मैं अपने अध्यापन कार्य से संतुष्ट हूं।
किंतु प्रश्न यह है की यदि एक योग्य शिक्षक की उपेक्षा ऐसे स्थानीय राजनीतिक दुर्भावना की वजह से की जाती रहेगी तो कहीं ना कहीं ऐसे शिक्षकों का मनोबल धराशाई हो सकता है, मुख्यमंत्री जी को स्वयं ऐसे गंभीर मुद्दों की जांच कराते हुए ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्यवाही करानी होगी अन्यथा छात्रों का भविष्य गढ़ने वाले शिक्षक तो क्या प्रदेश की आम जनता भी गड़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना पर सवाल करती नजर आएगी।
“शिक्षक दिवस” विशेष क्रमशः जारी,,,,,,,,,,,,,