नई दिल्ली, न्यूज डेस्क। देश में कोरोना महामारी ने तबाही मचा रखी है। लोग ऐसे समय में कोरोना के खिलाफ कई तरह के इलाज तलाश रहे हैं। इसी बीच सरकार देशभर में लोगों को कोरोना वैक्सीन लेने की अपील कर रही है। हालांकि वैक्सीन को लेकर की कई तरह की अफवाहें और भ्रांतियां सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। ऐसे में सरकार की ओर से इन अफवाहों को लेकर लगातार सफाई पेश की जा रही है। हाल ही में इंटरनेट पर वैक्सीनेशन को लेकर एक दावा सामने आया है जिसका केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने खंडन किया है।
कोरोना काल में लोग महामारी के डर से घरों से कम निकल रहे हैं, इसी के चलते कई ब्लड बैंकों को खून की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच कई ब्लड बैंकों ने लोगों से अपील की है कि वह वैक्सीन लगवाने के 90 दिन पहले रक्तदान करें। कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि किसी ने अगर कोरोना का पहला टीका 6 मई को लगवाया तो कम से कम 90 दिन बाद यानि 6 अगस्त के बाद ही वह ब्लड डोनेट कर सकता है। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस दावे का खंडन किया है।
डॉक्टर अरुण शर्मा ने क्या कहा?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल एक पोस्ट सामने आया है जिसमें डॉक्टर अरुण शर्मा ने स्पष्ट किया है कि टीकाकरण और रक्तदान का आपस में कोई कनेक्शन नहीं है। हालांकि शेयर किए गए पोस्ट में वैक्सीन लेने वाली महिलाओं के लिए एक गाइडलाइन दी गई है। इसमें सवाल किया गया है कि क्या कोविड वैक्सीन लेने के बाद महिलाओं को वर्काउट, योगा और एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए? इसके जवाब में डॉ. अरुण शर्मा कहते हैं, ऐसा जरूरी नहीं है, अगर वैक्सीन लेने वाली महिला को इंजेक्शन लेने वाली जगह पर कोई दर्द या सूजन महसूस होता है तो उन्हें हाथ या कंधे की एक्सरसाइज से परहेज करना चाहिए।