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कीचड़ में रास्ता या रास्ते में कीचड़,,,,,,

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महेश्वर राजवाड़े-मामला सूरजपुर जिले के सोहागपुर ग्राम पंचायत में रवि ठाकुर के घर से लेकर महेश ठाकुर के घर तक का है। लगभग इसकी दूरी 250 मीटर से 300 मीटर तक का है । ग्राम वासियों का गुस्सा तब फुटा जब गांव के बीच मोहल्ले की रास्ता कीचड़ से भर गई। इस कारण गांव वालों की आवाजाही में काफी परेशानी होने लगी। इसकी सूचना ग्राम पंचायत को और प्रेमनगर विधायक खेलसाय सिंह जी को ग्रामीणों ने दी लेकिन अभी तक इसका उचित निराकरण नहीं किया गया। तब गांव की महिलाओं ने कीचड़ से भरी रास्ते पर पर धान का रोपा लगाकर विरोध जताया। फिर भी इस बात का की गांव वालों को आवाजाही में परेशानी हो रही है, ना पंचायत को इसकी चिंता फिकर है, ना ही शासन -प्रशासन को। आजादी के 75 वर्ष पूरे हो चुके हैं फिर भी सोहागपुर ग्राम पंचायत का नक्शा नहीं बदला। गांव की विकास की पहचान वहां की सड़कों से होती है। लेकिन आज भी जनपद पंचायत सूरजपुर में कई गांव ऐसे हैं जहां के ग्रामीण को शासन प्रशासन से सड़क की दरकार बनी हुई है सोहागपुर पंचायत के अंतर्गत गांव जहां की कीचड़ से गड्ढा युक्त पगडंडी रास्ता देख कर इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है, की सरकार सिर्फ विकास के बड़े-बड़े दावे कर रही है। लेकिन जमीनी हकीकत सरकार के विकास के दावे को खोखला साबित कर रही है। इस रास्ते पर गांव वाले सड़क की मांग वर्षों से करते चले आ रहे हैं। लेकिन ग्राम पंचायत और शासन प्रशासन की अनदेखी की चलते वर्षा काल ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन जाती है। इसी वजह से दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है

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