कितने बार स्थानांतरण होने के बाद भी स्थानांतरण आदेश में संशोधन कराके भैयाथान जनपद में ही रहना चाहते है ऐसा क्या चीज है की दूसरे जनपद में जाना नई चाहते है भैयाथन के कार्यक्रम अधिकारी
राधे यादव
सूरजपुर जिले के जिला मुख्यालय के करीबी जनपद पंचायत भैयाथान में एक अधिकारी की तो मौज ही मौज है और हो भी क्यों नहीं विगत कई वर्षों से वे जनपद पंचायत कार्यालय में ही अंगद की तरह पांव जमाए हुए हैं। और खुले आम भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं इनमें संविदा कार्यक्रम अधिकारी तो ऐसे है कि जिनका यदि ट्रांसफर किसी अन्यत्र स्थान पर हो भी जाता है तो इनकी राजनीति पकड़ इतनी तगड़ी है कि वे फिर से ही इसी जनपद में वापिस लौट आते हैं इन्होंने तो अपने करीबियों के नाम से ही कई बिल वाउचर बनवा रखे हैं जिन बिलों में सीमेंट से लेकर निर्माण कार्य में लगे सभी समाग्री का बिल बनवा रखे है ।
भैयाथान की जनपद के एक संविदा अधिकारी का इतना पावरफुल अधिकारी सूरजपुर जिले में नहीं होंगे ए एक ऐसे अधिकारी है कि उनके पास सोशल मीडिया के माध्यम कोई भी जानकारी मांगने एवं जानकारी देने के लिए संपर्क किया जाता है तो नंबर को ही ब्लॉक कर देते हैं।
आपको बताते चलें कि ग्रामीण क्षेत्रों में जनपद पंचायत कार्यालय का विकास में अहम योगदान होता है जनपद पंचायत कार्यालय का लेकिन इस तरह से विगत कई वर्षों से एक ही कार्यालय में एक संविदा अधिकारी का अंगद पांव की तरह जमे ही रहना स्वाभाविक है कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा ही
जिले में जिला कलेक्टर हो या सीईओ जिला पंचायत हो या अन्यत्र कोई भी अधिकारी हो या कर्मचारी एक नियमित समय उपरांत उनका तबादला होता ही है लेकिन बावजूद इसके आखिर क्या कारण है कि जिला मुख्यालय के करीबी जनपद पंचायत कार्यालय में अधिकारी का तबादला नहीं होता है, अगर इनके कार्य शैली की गंभीरता से जांच कराई जाए तो एक बड़े खेल से निश्चित रूप से पर्दा उठेगा, और सारी सच्चाई लोगों के सामने आएगी, जबकि स्थानीय सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को भी इस मामले में विचार करना चाहिए एक जनपद के कर्मचारी के द्वारा नाम नहीं छपने के शर्त पर बताया गया कि जनपद पंचायत कार्यालय के अधीन जितने भी ग्राम पंचायत के रोजगार सचिव, सचिव ,ठेकेदार हैं। उनसे इनका कमीशन तय है बिना कमीशन लिए वे किसी भी कार्य का ,बिल नई लगाते है अगर इसी तरह ये अधिकारी अंगद की तरह पांव जमाए रहे तो स्वाभाविक रूप से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा जिला प्रशासन को भी इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए कि आखिर कब तक ये जनपद पंचायत कार्यालय में एक संविदा अधिकारी के पांव अंगद की तरह जमे रहने चाहिए यदि जिले के कलेक्टर इन सभी मामलों को गंभीरता से संज्ञान में ले तो एक बड़े भाष्टाचार से पर्दा उठेगा।