ओड़गी छात्रावास में लापरवाही का आलम, ABVP ने सौंपा ज्ञापन, अधीक्षक, मण्डल संयोजक और रसोइयों पर कार्यवाही की मांग
ओड़गी भैयाथान (IRN.24…) शिक्षा के मंदिर माने जाने वाले छात्रावासों की स्थिति जब शोषण और लापरवाही का केंद्र बन जाए, तो सवाल सिर्फ प्रबंधन पर नहीं, पूरे तंत्र पर उठता है। ऐसी ही स्थिति इन दिनों ओड़गी के प्री–पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास की हो गई है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की ओड़गी इकाई ने यहां के छात्रावास अधीक्षक, मण्डल संयोजक और रसोइयों की गंभीर अनियमितताओं और छात्र हितों की अनदेखी को लेकर मोर्चा खोल दिया है।छात्रों से करवाया जा रहा अधीक्षक का निजी काम, रसोइये लापताज्ञापन सौंपने के बाद ABVP कार्यकर्ताओं ने बताया कि छात्रावास की स्थिति चिंताजनक है। अधीक्षक की उपस्थिति नियमित नहीं है, और जब वे आते हैं, तो विद्यार्थियों से गाली-गलौच करते हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि छात्रों से निजी काम करवाना, साफ तौर पर बाल अधिकारों और मानवाधिकारों का उल्लंघन है।10 रसोइयों की नियुक्ति के बावजूद, वे अक्सर ड्यूटी से गायब रहते हैं। छात्रों को अपना खाना खुद निकालना, और कई बार स्वयं भोजन बनाना पड़ रहा है, जो कि न केवल अनुचित है बल्कि मानसिक और शारीरिक शोषण भी है।पोषण योजना का मजाक, मेन्यू केवल कागजों मेंABVP के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विकास ठाकुर ने कहा कि शासन द्वारा निर्धारित मेन्यू के अनुसार भोजन नहीं दिया जा रहा है। छात्र भोजन की गुणवत्ता और नियमितता से परेशान हैं। वहीं, नगर मंत्री अंकुश देवांगन ने बताया कि अधीक्षक की लापरवाही के चलते छात्र बिना निगरानी के बाहर घूमते रहते हैं, कुछ छात्रों में नशे की आदतें भी विकसित हो रही हैं। यह न केवल अनुशासनहीनता को बढ़ावा देता है, बल्कि भविष्य के निर्माण में गंभीर बाधा है।शिक्षा की बजाय शोषण, प्रशासन मौनछात्रावास की यह स्थिति शैक्षणिक वातावरण को पूरी तरह नष्ट कर रही है। छात्र जो पढ़ाई और अनुशासन के लिए छात्रावास में रह रहे हैं, वे भोजन, सुरक्षा और निगरानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। इन सबके बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। क्या छात्र हितों की बात तब ही सुनी जाएगी जब स्थिति पूरी तरह बिगड़ जाए?ABVP ने चेताया: जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो होगा चक्का जामविद्यार्थी परिषद ने यह स्पष्ट किया है कि यदि अधीक्षक, मण्डल संयोजक और रसोइयों के विरुद्ध शीघ्र और कठोर कार्यवाही नहीं की गई, तो परिषद चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेगी। इसमें ओड़गी बंद, चक्का जाम और जिले स्तर पर धरना प्रदर्शन शामिल हो सकते हैं। परिषद ने यह भी कहा कि यह सिर्फ ओड़गी का मामला नहीं, बल्कि छात्रों के भविष्य का सवाल है।ज्ञापन सौंपने वालों में थे ये प्रमुख कार्यकर्ताइस ज्ञापन के दौरान प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विकास ठाकुर, नगर मंत्री अंकुश देवांगन, सक्षम गुर्जर, सोनू यादव सहित अन्य परिषद कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने एकजुट होकर यह संकल्प लिया कि छात्रावासों की दुर्दशा अब और नहीं सहेंगे।ओड़गी छात्रावास की यह स्थिति शासन की पोषण, शिक्षा और छात्र-कल्याण योजनाओं की जमीनी हकीकत उजागर करती है। अब देखने की बात होगी कि प्रशासन इस गंभीर मामले में कितनी तेजी से और कितनी पारदर्शिता से कार्यवाही करता है। ABVP की चेतावनी स्पष्ट है—अब अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो सड़कों पर छात्र उतरेंगे, और फिर जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।