बिलासपुर(डॉ प्रताप नारायण सिंह) : 2021 में 72, 500, 2022 में 76,5 00, 2023 में 85,000 तो 2024 में एक लाख तक का बोनस कोयलाकर्मियों को मिल सकता है. कालरी इलाकों में अभी सबसे बड़ी चर्चा बोनस को लेकर ही है, बोनस यानी प्रॉफिट लिंक रिवॉर्ड पर एक सितंबर को कोई बड़ा निर्णय हो सकता है. कोल इंडिया मानकीकरण समिति की बैठक दिल्ली में प्रस्तावित है. इसमें कोयलाकर्मियों के बोनस की राशि तय होने की पूरी संभावना है. बैठक में कोल इंडिया प्रबंधन के साथ-साथ ट्रेड यूनियन के नेता भी हिस्सा लेंगे. यूनियन नेता 2024 में ₹100000 बोनस देने की मांग कर रहे है. सूचना के मुताबिक इस बार बैठक एक दिन की होगी. इसमें सिर्फ बोनस पर ही चर्चा होगी.
एक अक्टूबर को होने वाली बैठक पर 2.10 लाख कोयला कर्मियों की निगाहें टिकी हुई है. पिछले साल दुर्गा पूजा के मौके पर कोयलाकर्मियों को 85000 बोनस मिला था. इस साल चुकि कोल इंडिया के लाभ में बढ़ोतरी हुई है, ऐसे में और बेहतर बोनस मिलने की मांग भी हो रही है और इसकी संभावना भी है. ठेका कर्मियों को भी कुछ लाभ मिल सकता है. पिछले 10 साल का ट्रेंड देखे तो हर साल बोनस की राशि बढ़ती रही है. पिछले साल 85,500 मिला था. इस बार एक लाख रुपए तक मिलने की संभावना है.
फिलहाल बोनस भुगतान को लेकर कोल इंडिया में प्रॉफिट लिंक स्कीम लागू नहीं है. प्रबंधन यूनियन प्रतिनिधियों के बीच वार्ता से बोनस तय किया जाता है. बोनस की घोषणा होने और भुगतान होने से सिर्फ कोयलाकर्मियों की ही बल्ले बल्ले नहीं होगी, बल्कि कालरी क्षेत्रों में स्थित बैंकों के बैंकों में भी भारी धन वर्षा होगी. बाजार भी बम बम करेंगे. एक अनुमान के अनुसार छत्तीसगढ़ के बैंकों में लगभग 800 करोड रुपए आएंगे. यह तो सिर्फ कोल इंडिया के बोनस की राशि होगी, इसके अलावा छत्तीसगढ़ में संचालित अन्य संस्थाओं के कर्मियों को भी बोनस की राशि बैंकों के जरिए ही मिलेगी. अक्टूबर महीना छत्तीसगढ़ के बैंकों के लिए लक्ष्मी वर्ष का महीना होगा. अब तक कोयला कर्मियों को मिले बोनस पर एक नजर —
2023 -85 ,000
2022 -76 ,500
2021- 72,500
2020- 68,500
2019- 67,700
2018 -60,700
2017- 57,000
2016 -54,00
2015- 48,500
2014 -40,000
2013 -31,500
2012 -26,000