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एटक यूनियन कार्यालय में श्रमिक संगठन के नेताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया

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भटगांव। एसकेएमएस एटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवम एसईसीएल के केंद्रीय महामंत्री हरिद्वार सिंह का अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक सम्मेलन क्यूबा में भाग ले कर इंडिया वापसी पर भटगांव में प्रथम आगमन पर एटक यूनियन कार्यालय में श्रमिक संगठन के नेताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया और शॉल श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। एटक यूनियन के कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व क्यूबा के बारे में बताते हुए कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा की क्यूबा मजदूरों का देश है।वहां पर सभी पेशा से जुड़े हुए लोगों को एक समान पेंशन दिया जाता है चाहे वह राष्ट्रपति हो या मजदूर। क्यूबा को आधुनिक क्यूबा बनाने में वहां के क्रांतिकारी मजदूरों ने जो काम किया है वह देखने लायक है प्रेरणा लेने लायक है।वहां पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था इतनी सुदृढ़ है कि वहां के रहवासियों को कार लेने की आवश्यकता महसूस नहीं होती। उन्होने आगे अपने उद्बोधन में कहा कि मजदूरों के जेबीसीसीआई 11 के निर्णय मे एटक यूनियन की भूमिका भूमिका रही हैं। इस वेतन समझौता के बाद प्रत्येक कोयला मजदूर को वेतन में आठ हजार से तीस हजार रुपए तक का लाभ मिलेगा वो भी इसी माह से। कोयला मजदूरों को मातृत्व अवकाश के साथ साथ अब पांच दिन का पितृत्व आवकाश भी मिलेगा। घर आने जानें के लिए पहले आठ हजार रुपए मिलता था जो अब दस हज़ार कर दिया गया है। भारत भ्रमण के लिए पहले 12 हजार मिलता था अब 15 हजार मिलेगा। 3 परसेंट का इंक्रीमेंट मिलेगा। पेड़ हॉलिडे 8 की जगह 9 दिन मिलेगा सीक लिव 120 की जगह 150 दिन मिलेगा इस तरह के बहुत सारे मजदूर हितेषी मांगे इसी 11 समझौते में पूरी की गई है जो ऐतिहासिक समझौता है।हमें गर्व है एकमात्र एटक यूनियन ही कोल इंडिया में मौजूद है जिसने एनसीडब्ल्यूए_1से एनसीडब्ल्यूए -11 सभी समझौते पेपर पर हस्ताक्षर किया है और इसीलिए एटक एक जिम्मेदार श्रम संगठन है। जहां तक समझौते के विस्तृत विवरण का सवाल है अब तक का वह सबसे बेहतर समझौता है यह मजदूरों के संघर्षों की जीत है। कामरेड हरिद्वार सिंह ने अपने उद्बोधन में संबोधित करते हुए कहा कि देश खतरे में है संविधान खतरे में है गंगा जमुनी संस्कृति सकते में है ऐसा खतरनाक राजनीत विगत 100 वर्षों के इतिहास में भारत में कभी देखा और सुना नहीं गया था। सवाल चार श्रम कानूनों के खात्मा का मात्र नहीं है ,बेरोजगारी का सवाल केवल नहीं है ,महंगाई का सवाल मात्र नहीं है ,काला धन लाने के नाम पर बड़े नेताओं के झूठ बोलने का सवाल नहीं है ,सवाल यह भी है कि संविधान में दी गई अधिकार नागरिक वंचित किए जा रहे हैं यह एक सुखद संयोग है सुप्रीम कोर्ट ने जनहित में मोर्चा संभाल लिया है। अन्यथा मौजूदा सरकार क्रूरता की हद पार कर ली होती।28 मई 2023 को भारत के इतिहास का काला दिन था जब शहीदों के इतिहास को विलोपित करने की कोशिश की गई आदिवासी राष्ट्रपति महामहिम द्रोपति मुर्मू को उनके अधिकार से वंचित कर दिया गया दलित और आदिवासी कथित वर्ण व्यवस्था के बाहर हैं इसीलिए जानबूझकर संसद भवन के भूमि पूजन शिलान्यास एवं उद्घाटन से पूर्व राष्ट्रपति एवं वर्तमान राष्ट्रपति को वंचित रखा गया। क्योंकि अगर ऐसा होता तो संसद भवन को गंगाजल से धोना पड़ता देश की 20 राजनीतिक पार्टियों ने गुहार लगाई महामहिम राष्ट्रपति की गरिमा बचाए रखने की कहां हम ऊंच-नीच भेदभाव मिटाकर समतामूलक समाज की कल्पना कर रहे थे और आज कहां हैं हम यह बहुत गंभीर चिंतन का विषय है।कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा भारत के 10 ट्रेड यूनियनों ने मिल करके तमाम जनविरोधी सरकार के फैसले के खिलाफ 9 अगस्त 2023 को महापड़ाव आंदोलन करने की घोषणा की है।

उन्होंने आगे कहा कि एकता में ही शक्ति है सभी मजदूर एक होकर संगठित होकर अपने हक की लड़ाई लड़े तभी इतना बढ़िया वेतन समझौता हम सबको मिला है।मजदूर संगठन को मजबूत करने की जरूरत है यहां पर बैठे हुए सभी कार्यकर्ता मजदूरों के बीच में जाएं खदान में सब एरिया लेवल और एरिया लेवल पर मीटिंग करें और अपनी एकजुटता का परिचय देते हुए ज्यादा से ज्यादा सदस्य अभियान करें। संगठन को मजबूत करेंगे तो उतनी मजबूती से ही हम आपके अधिकारी भी लड़ाई लड़ पाएंगे । इसलिए ज्यादा से ज्यादा सदस्यता करने का प्रयास करें।
इस अवसर पर श्रमिक संगठन एटक भटगांव के अखलाक खान,कौशल चंद्रा, कुंज बिहारी यादव, सोमारू पोर्ते, हरेंद्र सिंह अलीमुद्दीन अंसारी,आकाश विश्वकर्मा,हरीश बड़ा,संजीव सिंह,उमाशंकर यादव सहित भारी संख्या में श्रमिक नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।

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