एटक महामंत्री कामरेड हरिद्वार सिंह का प्रयास हुआ सफल , कोरोना संक्रमण से मृत ठेका श्रमिक के परिवार को मिलेंगे 15 लाख रुपए…
डॉ प्रताप नारायण सिंह: एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर अंतर्गत बसंत विहार कॉलोनी में ठेका मजदूर के रूप में कार्यरत स्वर्गीय श्याम चौकसे की मृत्यु कोविड-19 से संक्रमित होने के कारण दिनांक 07.05.2021 को केयर एंड क्योर हॉस्पिटल बिलासपुर में हो गई थी। कोविड-19 के संक्रमण के कारण किसी भी कर्मचारी एवं ठेका मजदूर की मृत्यु हो जाने पर उनके परिजन को 15 लाख रुपए भुगतान करने का फैसला कोयला मंत्री के घोषणा के उपरांत कोल इंडिया प्रबंधन ने किया है। जिसका कार्यालय आदेश भी कोल इंडिया से जारी हो चुका है। दिनांक 07.05.2021 को ठेका मजदूर स्वर्गीय श्याम चौकसे की मृत्यु हो जाने के बाद एसईसीएल संचालन समिति के सदस्य एवम एटक एसईसीएल के महामंत्री कामरेड हरिद्वार सिंह ने जानकारी मिलते ही तुरंत एसईसीएल के निदेशक (कार्मिक ) को दिनांक 07.05.2021 को पत्र क्रमांक 324 लिखकर यह मांग किया कि मृत ठेका कर्मी स्वर्गीय श्याम चौकसे के आश्रित परिवार को अविलंब नियमानुसार 15 लाख रुपए का भुगतान एसईसीएल प्रबंधन द्वारा किया जाए ताकि मृत ठेका मजदूर का परिवार इस विपरीत परिस्थिति में अपना जीवन यापन आसानी से कर सके। उन्हें दर दर की ठोकर ना खाना पड़े।
कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति की कमी पैसे से पूरी नहीं हो सकती लेकिन इस कठिन समय में मरहम का कार्य जरूर करता है। एसईसीएल कोल इंडिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादन करने वाली कंपनी है और निश्चित रूप से नियमित कामगारों के साथ साथ ठेका श्रमिकों का भी इसमें बहुत बड़ा रोल है। हमारी मंशा है कि नियमित कामगारों के साथ साथ जिन ठेका श्रमिको ने एसईसीएल में अपना श्रम दिया है उनके ना रहने पर एसईसीएल उनके परिजनों के जीवन यापन के बारे में गंभीरता से विचार करे और उसके परिवार को भरपूर सहयोग करे।
कामरेड हरिद्वार सिंह ने पत्र देने के बाद एसईसीएल के निदेशक कार्मिक से भी इस बारे में चर्चा किया। एसईसीएल प्रबंधन ने संबंधित ठेका श्रमिक के परिवार को निर्धारित 15 लाख रुपए की राशि का भुगतान करने हेतु सहमति दे दिया है। कार्यवाही भी शुरु हो गई है। इस तरह पूरे एसईसीएल में कोविड-19 के कारण ठेका श्रमिक की मृत्यु उपरांत 15 लाख रूपए क्षतिपूर्ति भुगतान किए जाने का पहला मामला एटक एसईसीएल के महामंत्री कामरेड हरिद्वार सिंह के अथक प्रयास से संभव हुआ है।