रायपुर/दिल्ली। अभी तक आप पेट्रोल-डीजल और खाने के तेल की महंगाई से परेशान हैं लेकिन अब आपकी परेशानी और बढ़ गई है. रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाले साबुन तथा डिटर्जेंट की कीमतें बढ़ गई हैं. देश में सबसे ज्यादा तेल-साबुन शैंपू और मंजन जैसे प्रोडक्ट उत्पादन करने वाली कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर ने साबुन और डिटर्जेंट के दाम 3 से 20 फीसदी तक बढ़ाए हैं. हिन्दुस्तान यूनिलीवर वो कंपनी है जो व्हील, रिन, सर्फ एक्सल जैसे डिटर्जेंट तथा तथा लाइफबॉय, लक्स, लिरिल, पौंड्स और पियर्स ब्रांड् के नाम से साबुन बेचती है.
एफएमसीजी सेक्टर में हिंदुस्तान यूनिलीवर सबसे बड़ी कंपनी है और इसकी तरफ से प्रोडक्ट के दाम बढ़ने के बाद आशंका है कि सेक्टर की दूसरी कंपनियां, यानि आईटीसी, गोदरेज, पतंजलि, पीएनजी और मैरिको जैसी कंपनियां भी अपने प्रोडक्ट के दाम बढ़ा सकती हैं. हिंदुस्तान यूनिलीवर ने करीब ढाई महीने पहले भी अपने प्रोडक्ट के दाम बढ़ाए थे, ऐसे में आशंका और बढ़ गई है कि एफएमसीजी सेक्टर की दूसरी कंपनियां भी आगे चलकर अपने अपने प्रोडक्ट महंगे कर स कती हैं. कुछ कंपनियों ने तो बोल भी दिया है कि जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान वे अपने प्रोडक्ट के दाम बढ़ाएंगे, अडानी विल्मर इसी महीने अपने पैकेट बंद गेंहू के आटे की कीमतों में 5 से 8 फीसदी और चावल की कीमतों में 8 से 10 फीसदी की बढोत्तरी की बात कही थी.
पारले भी जनवरी से मार्च के दौरान अपने उत्पादों की कीमतें 4 से 5 फीसदी तक बढ़ाने की बात कह चुकी है. डाबर ने भी दिसंबर में कहा था कि वो महंगाई की स्थिति का आकलन कर रही है और जनवरी-मार्च तिमाही में अपने उत्पादों के दाम बढा सकती है. कंपनियां बढ़ी हुई लागत का हवाला देकर दाम बढ़ाने की मजबूरी बयां कर रही हैं. कोरोना की तीसरी लहर में तेल-साबुन जैसे प्रोडक्ट का महंगा होना उपभोक्ताओं के लिए कोढ़ में खुजली जैसी बात होगी. पेट्रोल और डीजल की महंगाई पहले ही कमर तोड़ रही है. तीसरी लहर की वजह से काम धंधे बंद हो रहे हैं और अब ऊपर से बढ़ती महंगाई और मुसीबत बन सकती है.