आखिरकार जनसेवक आफताब की मेहनत लाई रंग छत्तीसगढ़ की बेटी को लाया गया सुरक्षित जगह अब वतन वापसी की तैयारी।
रायपुर ।(सं. इंडियन रिपब्लिक न्यूज़ )रूस और यूक्रेन के बीच यूरोप में युद्ध छिड़ा हुआ है ऐसे में मेडिकल से संबंधित यूक्रेन में पढ़ाई करने गई छत्तीसगढ़ जिला राजनांदगांव मानपुर की 19 वर्षीय बेटी आयशा जॉर्ज फंसी हुई है। और अपने माता-पिता से सम्पर्क कर कहा कि हम बहुत ही परेशान स्थिति में हैं। और हम यहां किसी से मदद के लिए कह भी नहीं सकतें हैं। यहां किसी को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा तो कोई चाकलेट खाकर ही गुजारा कर रहा है। छत्तीसगढ़ जिला राजनांदगांव मानपुर की 19 वर्षीय बेटी आयशा जॉर्ज की यह बात सुनकर माता-पिता बेचैन होने लगें। और कहा बेटी तुम चिंता मत करो बस हिम्मत रखो। हम कुछ करतें हैं। यह खबर बिल्कुल तेजी से फैलती चली गई। और बेटी को बचाने और वापस लाने के लिए जो जैसा कह रहे बेटी के माता-पिता उसके पास जाकर बिलख रहे हांथ जोड़ रहे। लेकिन किसी ने साथ नहीं दिया। फिर माता-पिता ने मानपुर के सीईओ डी डी मांडले से संपर्क किया और अपनी बेटी की पूरी जानकारी देकर मदद के लिए कहा। सीईओ डी डी मांडले ने कहां आप हमे अपनी बेटी का परिचय पत्र एवं पूरी जानकारी व्हाट्सएप पर भेजें हम प्रयास करते हैं, जैसे ही सीईओ डी डी मांडले के पास पूरी जानकारी आई उन्होंने अपने जिले के कलेक्टर व एसपी को सूचित किया और साथ ही छत्तीसगढ़ भिलाई 3 निवासी जनसेवक आफताब आलम को भी इस बात की पूरी जानकारी दी। और कहां कि आप इनकी बेटी को वापस लाने में मदद करें। आज छत्तीसगढ़ भिलाई 3 निवासी जनसेवक आफताब आलम का नाम पूरे भारत देश के लिए यह कोई नया नाम नहीं है। यह खुद ही समय-समय पर भारत के विभिन्न राज्यों में सामाजिक स्तर पर असहाय व जरूरतमंद परेशान व्यक्ति की पूरे निस्वार्थ भाव से मदद करते आ रहें है। और भारत के सभी राज्यों के उच्च अधिकारियों के सम्पर्क में रहने वाले जनसेवक आफताब आलम अपने कार्यों से हमेशा सबका दिल जीत लिया करतें हैं। और इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। जैसे ही मानपुर सीईओ डी डी मांडले ने जनसेवक आफताब आलम को यूक्रेन में फंसी छत्तीसगढ़ जिला राजनांदगांव मानपुर की 19 वर्षीय बेटी आयशा जॉर्ज के बारे में बताया। ठीक उसी वक्त जनसेवक आफताब आलम ने छत्तीसगढ़ जिला राजनांदगांव मानपुर की 19 वर्षीय बेटी आयशा जॉर्ज के माता-पिता से सम्पर्क कर अपने स्तर पर विभिन्न जानकारी और बेटी का व्हाट्सएप नंबर मांगा और सीधे 19 वर्षीय बेटी आयशा जॉर्ज से व्हाट्सएप पर जनसेवक आफताब आलम ने अपना परिचय देकर बात शुरू किया। और बेटी आयशा जॉर्ज का हाल जाना और कहा कि आपको बिल्कुल भी परेशान होने व घबराने की जरूरत नहीं है हम आपके लिए कुछ रास्ता निकालते हैं। और ठीक उसी वक्त छत्तीसगढ़ भिलाई 3 निवासी जनसेवक आफताब आलम ने बिना देर किए राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में भारत के राष्ट्रपति जी के सचिव से फोन लगाकर बात की। और छत्तीसगढ़ जिला राजनांदगांव मानपुर की 19 वर्षीय बेटी आयशा जॉर्ज की पूरी जानकारी दी। और कहां कि अभी यह बहुत ही परेशान हालत में हैं। इस बेटी की मदद करने वाला वहां कोई भी नहीं है। इस बात को जैसे ही राष्ट्रपति के सचिव ने सुनी तो जनसेवक आफताब आलम को कहां आप हमे इस 19 वर्षीय बेटी आयशा जॉर्ज की जानकारी व्हाट्सएप पर भेजें। और जनसेवक आफताब आलम ने तुरंत ही राष्ट्रपति जी के सचिव को पूरी जानकारी व्हाट्सएप पर भेज दी। और राष्ट्रपति के सचिव ने इस विषय को गम्भीरता से लेते हुए सिर्फ 1 घंटे के अन्दर ही फॉरेंसिक मिनिस्ट्री एक्सटर्नल अफेयर्स और इंडियन एम्बेसी को सूचित किया और तत्काल कार्यवाही के लिए भी कहां। और ठीक थोड़ी ही देर में जनसेवक आफताब आलम को राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली से फोन आया और कहें। आपके द्वारा दी गई जानकारी को राष्ट्रपति
के सचिव सर ने आगे भेज दिए हैं। अब आप बिल्कुल निश्चिंत रहें। और बस कुछ घंटों में ही यूक्रेन में फंसी छत्तीसगढ़ जिला राजनांदगांव मानपुर की 19 वर्षीय बेटी आयशा जॉर्ज ने जनसेवक आफताब आलम को व्हाट्सएप पर मैसेज करके जानकारी दिया और कहां इंडियन एम्बेसी वाले हमसे सम्पर्क किए और हमारी पूरी जानकारी भी लिए छत्तीसगढ की बेटी आयशा जॉर्ज ने इंडियन एम्बेसी से कहां कि उसके कालेज के 7 विद्यार्थी भी साथ में हैं जो भारत के विभिन्न राज्यों के है पूरी जानकारी लेकर इंडियन एम्बेसी 8 विद्यार्थियों के लिए 2 कार भेजी है। और पूरे सुरक्षित तरीके से पोलैंड की सीमाओं तक लाया गया। और छत्तीसगढ की बेटी आयशा जॉर्ज ने अपने 7 मित्रों के साथ सेल्फी लेकर व्हाट्सएप पर फोटो भी भेजा। इस वक्त हम सभी विद्यार्थियों को भारत लाने की तैयारी चल रही है। छत्तीसगढ़ की बेटी आयशा जॉर्ज ने जैसे ही जनसेवक आफताब आलम को इस बात की जानकारी व्हाट्सएप के माध्यम से दी। तो तुरन्त ही छत्तीसगढ़ की आयशा जॉर्ज के माता-पिता और मानपुर सीईओ डी डी मांडले को फोन करके कहां कि मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपकी बेटी सुरक्षित और इंडियन एम्बेसी के सम्पर्क में हैं। और अब भारत देश लाने की तैयारी चल रही है। यह सुनकर बेटी के माता-पिता और सीईओ खुश हो गए और जनसेवक आफताब आलम को दिल से दुआ देते हुए कहा। जनसेवक तो हमने बहुत देखा पर आप जैसा एक सच्चा जनसेवक जो कि पूरे निस्वार्थ भाव से कार्य करतें हैं ऐसा जनसेवक आज पहली बार देखा और कहां हमें आप पर गर्व है। आप हमेशा ऐसे ही सामाज में सभी लोगों की मदद करतें रहें। देशहित व जनहित के कार्यों में जनसेवक आफताब आलम ने पहले भी कई विभिन्न क्षेत्रों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं जिस वक्त पूरा विश्व कोरोना जैसे खतरनाक बीमारी से जूझ रहा था उस वक्त जनसेवक आफताब आलम ने छत्तीसगढ़ सहित कई अन्य राज्यों में के भटके हुए व्यक्ति को उनके घर तक पहुंचाने में मदद की और छत्तीसगढ़ में कोरोनाकाल के वक्त जितने भी कोरोना पाज़िटिव बीमारियों से जूझ रहे थे उनमें से कई व्यक्ति को प्लाज्मा दिलवाना और एंबुलेंस एवं आक्सीजन सिलेंडर दिलवाना और हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था करना और दवाईयों की उपलब्ध करवाना और जरूरतमंद परिवारों को राशन वितरण कर मदद करना। इससे पहले जनसेवक आफताब आलम को 2016 में राष्ट्रपति पुरस्कार एवं प्रदेश के विभिन्न स्तरों में सम्मान प्राप्त कर चुके हैं और दो बार गिनिस बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड व दो बार गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड एवं एक बार एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी शामिल हों चुके हैं।