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अवैध खनन पर लगाम कसने के लिए चार नए रेत घाट खोलने की तैयारी में छत्तीसगढ़ सरकार

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बिलासपुर । जिले में अवैध रेत का खनन और परिवहन पर लगाम कसने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के खनिज विभाग अब चार नए रेत घाट खोलने की तैयारी में है। इसके लिए प्रस्ताव बनाया जा रहा है। इसके बाद शासन को मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा। वहां से आदेश मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया बढ़ाई जाएगी। ये रेत घाट ग्रामीण क्षेत्रों में खोला जाएगा। जहां से इन दिनों अवैध खनन करने की शिकायत मिलती है। इसके बाद धीरे-धीरे अवैध खनन पर रोक लग जाएगी।

सीएम भूपेश बघेल ने अवैध रेत खनन पर रोक लगाने के सख्त निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद कई जगह से अवैध खनन की शिकायत मिल रही है। दूसरी ओर रेत घाट ठेकेदारों ने अपने लाइसेंस के आड़ में निर्धारित सीमा को छोड़कर दूसरे जगह में रेत का अवैध खनन किया जा रहा है। इसकी भी लगातार शिकायत कलेक्टर कार्यालय में पहुंच रही है। जिला खनिज अधिकारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि जिले में रेत घाटों की संख्या बहुत कम है।

शहर के अंदर नए घाट शुरू कर पाना संभव नहीं है। क्योंकि यहां पर्यावरण संबंधी समस्या आएगी। मस्तूरी क्षेत्र के रेत घाट पहले से ही बंद हो चुका है। इसके कारण खाली जगह पर अवैध खनन की शिकायत मिलती है। ऐसे खाली स्थानों को रेत घाट बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। ताकि वहां अवैध रेत खनन पर अंकूश लगाया जा सके।

ये है नया माइनिंग नियम
छत्तीसगढ़ खनिज विभाग की ओर से माइनिंग नियम का प्रकाशन राजपत्र में शमिल कर दिया गया है। इसमें सभी खदानों और घाटों के संचालन से लेकर रायल्टी, खनन आदि को लेकर नियम बना दिए गए हैं छत्तीसगढ़ गौण खनिज विभाग नियम 2015 कहलाएगा। इसे राजपत्र में प्रकाशित कर दिया गया है। केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य सरकार की खदानों के लिए नियम बनाने का काम 2014 से हो रहा था।

कई नए प्रविधान जोड़े गए
नए माइनिंग रुल्स में प्रदूषण और पर्यावरण का खास ध्यान रखा गया है। खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुरूप प्रविधान हैं। नए नियमों में अवैध खोदाई के खिलाफ लोगों को इनाम देने की घोषणा भी की गई है। अवैध खोदाई वाली सामग्री पकड़वाने वाले को दो से दस प्रतिशत तक इनाम दिया जाएगा। अवैध खोदाई करने वालों के खिलाफ अब माइनिंग अधिनियम के तहत ही कार्रवाई होगी।

इन्होंने कहा
चार नए रेत घाट खोलने की तैयारी की जा रही है। सभी ग्रामीण क्षेत्र में संचालित किया जाना है। शासन से मंजूरी का इंतजार है। लोगों को आसानी से रेत उपलब्ध होगा।

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