जलस्रोत विकास से खेती में आया आत्मनिर्भरता और समृद्धि का नया दौर
सूरजपुर/IRN.24…/ कलेक्टर श्री एस जयवर्धन के निर्देशन में एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती कमलेश नंदनी साहू के मार्गदर्शन में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के माध्यम से जिला सूरजपुर के प्रेमनगर जनपद क्षेत्र में किसानों की आजीविका को संबल प्रदान करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया गया है। जलस्रोत विकास जैसे कूप एवं डबरी निर्माण से अब किसान न केवल वर्ष भर सिंचाई कर पा रहे है, बल्कि वर्षा पर निर्भरता भी समाप्त हो रही है। इसका जीवंत उदाहरण घाम पंचायत अभयपुर, शिवनगर और कोतल के किसान है, जिन्होंने इस योजना से अपनी किस्मत ही बदल दी।ग्राम अभयपुर के किसान रामप्रसाद / जमसाय, जो कि अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते है. पहले केवल वर्षा पर आधारित धान की खेती करते थे। पर्याप्त जल न होने से फसल उत्पादन कम और आमदनी अत्यंत सीमित थी। 2021-22 में मनरेगा के तहत उनके खेत में कूप निर्माण किया गया, जिससे अब वे समय पर सिचाई कर रहे है। परिणामस्वरूप, अब वे जेती, धान, मक्का, साग-सब्जी की भी खेती करने लगे हैं। उनकी आर्थिक स्थिति में उरलेखनीय सुधार हुआ है।इसी प्रकार ग्राम शिवनगर के किसान हुकुमसाय/रामसुन्दर की कहानी भी प्रेरणास्पद है। वर्ष 2022-23 में मनरेगा के अतर्गत डबरी निर्माण के बाद उनकी 3 एकड़ भूमि सिचित हो गई। अब वे धान के अलावा मवई, मक्का जैसी फसले भी उगा रहे हैं और साथ ही मछली तथा बतख पालन से अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहे है। यह बदलाव उनके परिवार के लिए आत्मनिर्भरता की राह खोल चुका है।ग्राम कोतल के किसान अशोक / देक्धारी, जो कि पिछड़ा वर्ग से है, वर्षा पर आधारित खेती से जूझ रहे थे। 2020-21 में मनरेगा के तहत कूप निर्माण के पश्चात उन्होंने भी फसलों की विविधता में वृद्धि की है। अब वे धान के साथ गर्मी में मक्का, साग-सब्जी, और जेठी धान जैसी फसले ले रहे हैं जिससे उनकी आय में वृद्धि और जीवनस्तर में सुधार हुआ है। इन सभी किसानों ने एक स्वर में मनरेगा टीम का आभार व्यक्त किया और बताया कि यह योजना उनके लिए वरदान साबित हुई है।निष्कर्ष- मनरेगा के जलस्रोत विकास कार्यों ने न केवल सिंचाई की सुविधा प्रदान की है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि आधारित सतत विकास की नीय भी रखी है। यह पहल आत्मनिर्भर भारत और समृद्ध ग्राम की दिशा में एक सशक्त कदम है।