मनरेगा और रेशम विभाग के कार्यों में भारी अनियमितता, ग्राम पंचायत दावना में करोड़ों का घोटाला उजागर – ग्रामीणों ने कलेक्टर से की जांच की मांग
IRN24 राधे यादव…✍🏻✍🏻
सूरजपुर जिले के रामानुजनगर जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत दावना में रेशम विभाग द्वारा संचालित पालन केंद्र के कार्यों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और फर्जीवाड़े की शिकायत सामने आई है। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत के ही कुछ प्रभावशाली लोगों ने मनरेगा मद का दुरुपयोग करते हुए अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के नाम पर लाखों रुपये का फर्जी भुगतान करवा लिया। इस पूरे मामले को लेकर आक्रोशित ग्रामीण कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचे और निष्पक्ष जांच की मांग की।
ग्रामीणों के आरोप
ग्रामीणों ने कलेक्टर को बताया कि ग्राम पंचायत दावना में मनरेगा योजना के तहत मजदूरी का भुगतान जमीनी स्तर पर किए गए कार्य से मेल नहीं खाता। पंचायत प्रतिनिधियों और रेशम विभाग से जुड़े कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने नर्सरी पौधों, खाद-यूरिया, पोटाश और फेंसिंग के नाम पर कागज़ी काम दिखाकर भारी गड़बड़ी की।ग्रामीणों का यह भी कहना है कि सुखलाल राम यादव नामक व्यक्ति ने फर्जी मजदूरी भुगतान कराकर लाखों रुपये की हेराफेरी की है।
रेशम उत्पादन की प्रक्रिया और गड़बड़ी
ज्ञात हो कि तसर रेशम उत्पादन की प्रक्रिया में अर्जुन और आसन जैसे पौधों पर खुले वातावरण में रेशम कीटों का पालन किया जाता है। इसके लिए खेत की तैयारी, घास-फूस की सफाई, जुताई, जल संरक्षण हेतु फेंसिंग और पौधारोपण का कार्य आवश्यक होता है। मानसून की शुरुआत में जून-जुलाई में पहली तथा सितंबर-अक्टूबर में दूसरी फसल ली जाती है। इस पूरी प्रक्रिया में पौधों की देखभाल, खाद-पानी और सुरक्षा पर खर्च होता है।
लेकिन ग्राम पंचायत दावना में इस प्रक्रिया को केवल कागज़ों में दिखाया गया है। न तो फेंसिंग का कार्य सही ढंग से हुआ और न ही पौधारोपण व देखभाल पर खर्च किया गया। बावजूद इसके मनरेगा और रेशम विभाग के मद से भारी भरकम भुगतान कर दिया गया।
जिले भर में हो रहे हैं ऐसे घोटाले
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि सिर्फ दावना ही नहीं बल्कि सूरजपुर जिले की कई ग्राम पंचायतों में रेशम विभाग और मनरेगा के तहत इसी तरह की गड़बड़ियां की जा रही हैं। पौधारोपण, नर्सरी निर्माण, फेंसिंग और खाद-बीज वितरण के नाम पर कागज़ों में काम दिखाकर राशि निकाली जा रही है। वास्तविक धरातल पर न तो पौधे सही तरीके से लगाए गए हैं और न ही उनकी देखभाल की गई है।
जिलेभर में घटिया फेंसिंग कार्य ग्रामीणों ने आरोप लगाया
कि सूरजपुर जिले के अन्य विकासखंडों में रेशम विभाग द्वारा कराए गए फेंसिंग और जाली लगाने के कार्यों में भी भारी गड़बड़ी की गई है। पोल और जाली की गुणवत्ता बेहद खराब है, कई जगह पोल हिलने लगे हैं और जाली टूट-फूट गई है। बावजूद इसके लाखों रुपये की निकासी कर ली गई।ग्रामीणों की मांग ग्रामीणों ने कलेक्टर से पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने और निकाली गई राशि की वसूली कराने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक जिलेभर में रेशम विभाग और मनरेगा के तहत किए गए फेंसिंग कार्यों की तकनीकी जांच नहीं होगी, तब तक इस तरह के फर्जीवाड़े पर रोक लगाना संभव नहीं होगा।