✍🏻IRN24 राधे यादव
सूरजपुर/भैयाथान। जिले के झिलमिली थाना क्षेत्र के ग्राम केवरा में शुक्रवार दोपहर एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया। मकान निर्माण के दौरान पुराने बिजली पोल को हटाते समय करंट की चपेट में आने से दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि मकान मालिक गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। यह हादसा बिजली विभाग की लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण हुआ, जिसने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है।
हादसा कैसे हुआ
जानकारी के अनुसार विपिन चंद जायसवाल के घर पर निर्माण कार्य चल रहा था। काम के दौरान पुराने बिजली पोल को जीआई तार से बांधकर हटाया जा रहा था। इसी बीच पास के खंभे से जुड़ी सर्विस लाइन का तार जीआई तार से टकरा गया। अचानक करंट फैल गया और तीन लोग उसकी चपेट में आ गए। हादसा उस समय हुआ जब बिजली विभाग ने पुराने पोल को समय रहते नहीं हटाया और सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम नहीं किए थे।
दो मजदूरों की मौत, मकान मालिक गंभीर
करंट लगने से मजदूर राम प्रसाद विश्वकर्मा और कल्लू की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं मकान मालिक विपिन चंद जायसवाल गंभीर रूप से झुलस गए। तीनों को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भैयाथान ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों मजदूरों को मृत घोषित कर दिया। विपिन की हालत नाजुक बनी हुई है और उनका इलाज जारी है।
परिजनों का मातम, गांव में सन्नाटा
जैसे ही हादसे की खबर फैली, मृतकों के परिजनों में कोहराम मच गया। रोते-बिलखते परिवारों को देख हर कोई गमगीन हो गया। पूरे गांव में मातम का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर बिजली विभाग समय पर कार्रवाई करता तो यह हादसा टाला जा सकता था।
बिजली विभाग की लापरवाही पर सवाल
जिले में डीआरएसएस योजना के तहत पुराने पोल और तारों को हटाकर केबलिंग का काम चल रहा है। लेकिन केवरा गांव में पुराने पोल को अधूरा छोड़ दिया गया था। जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी ने दो मजदूरों की जान ले ली। हादसे के बाद विभाग ने बिजली आपूर्ति बंद की, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
ग्रामीणों की मांग – मुआवजा और कार्रवाई
हादसे के बाद ग्रामीणों में गुस्सा है। उन्होंने प्रशासन से मृतकों के परिजनों को तत्काल मुआवजा देने और दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि बिजली विभाग की लापरवाही से आए दिन हादसे हो रहे हैं और सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कब तक जान की कीमत चुकानी पड़ेगी।
यह हादसा स्पष्ट संदेश देता है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी का अंजाम कितना भयावह हो सकता है। प्रशासन और बिजली विभाग को तत्काल कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियां न हों।