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जिला जेल सूरजपुर में कानूनी जागरूकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन

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जेल की व्यवस्थाओं का किया निरीक्षण

सूरजपुर/ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के दिशा निर्देशन में जेल लीगल एड क्लीनिक के कामकाज को मजबूत करने हेतु संचालित योजना के तहत् श्रीमती विनीता वार्नर, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सूरजपुर द्वारा जिला जेल सूरजपुर में कानूनी जागरूकता कार्यक्रम आयोजन के साथ ही जेल की व्यवस्थाओं का किया निरीक्षण। योजना का उद्देश्य जेल में निरुद्ध बंदियों को सार्थक, कुशल और प्रभावी कानूनी सेवाएं और सहायता प्रदान करना है, यह ध्यान दिया जाना चाहिए की जेल में स्थापित लीगल एड क्लीनिक की भूमिका केवल कैदियों की जरूरतों को पूरा करने तक सीमित नहीं है बल्कि बहुत व्यापक है हर समय यह सुनिश्चित करना की कोई भी व्यक्ति कानूनी प्रतिनिधित्व के बिना न रह जाये, कैदी और न्यायालय के बीच सूचना के अंतर को पाटना, अधिवक्ता और बंदी के बीच संचार को सुविधाजनक आदि व्यापक रूप से कार्य करता है।   

 आज के कानूनी जागरूकाता कार्यक्रम में श्रीमती विनीता वार्नर, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सूरजपुर, माननीय श्री आनन्द प्रकाश वारियाल, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय सूरजपुर एवं श्रीमती प्रतीक्षा अग्रवाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सूरजपुर मुख्य आतिथ्य के रूप में उपरिस्थ रहे।     

प्रधान जिला न्यायाधीश श्रीमती विनीता वार्नर ने जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित सभी निरूद्ध बंदियों के हाल-चाल पुछते हुए कहा कि आपको जो जेल में सुविधाएं प्रदान की गई है अच्छी है, आप सुविधाओं का उपयोग करते हुए यह विचार करें की हमसे क्या गलती हुई है जो हम जेल में निरूद्ध किये गये है आप विचार करेगें तो अपनी गलती का एहसास होगा। वहीं प्रधान जिला न्यायाधीश ने जेल अधीक्षक से जेल की व्यवस्थाओं और समस्याओं की जानकारी लेते हुए कीचन वॉर्ड, लीगल एड क्लीनिक, वीड़ियों कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष, एवं बंदी बैरकों का निरीक्षण किया।     

श्री आनन्द प्रकाश वारियाल ने बंदियों के अधिकारों के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि अपने प्रकरण की स्थिति जानना आप का अधिकार है आप जब भी पेशी में कोर्ट जाते हैं तो अपने प्रकरण की स्थित्ति जाने के लिए कोर्ट के जज साहब से निवेदन कर सकते है निवेदन करेगें तो वह जरूर बताएगें। उन्होने आगे बताया कि जेल में निरूद्ध बंदियों के लिए निःशुल्क विधिक सहायता के अंतर्गत प्रकरण की पैरवी हेतु पैनल लॉयर के अलावा लीगल एड डिफेंस कौंसिलों की भी नियुक्ति की गई है जो फ्री में प्रकरण की पैरवी करते है।     सचिव, श्रीमती प्रतीक्षा अग्रवाल ने लीगल एड डिफेंस कौसिलों की नियुक्ति एवं उनके कार्यों के संबंध में जानकारी देते हुए कहा की गलती होना मानव स्वभाव है आप विचार करें की दोबारा ऐसी गलती कभी ना हो जिससे जेल में निरूद्ध होना पड़े। उन्होने आगे बताया कि आप यह विचार अपने मन से बिल्कुल निकाल दे कि लीगल एड लॉयर आप के प्रकरण में ठीक से काम नहीं करते लीगल एड लॉयर के कार्यों की समीक्षा हर माह की जाती है जिससे पता चलता है कि उनका कार्य अच्छा है।कार्ययक्रम में जिला जेल अधीक्षक श्री अक्षय तिवारी, लीगल एड़ लॉयर श्री मनोज सिंह एवं जेल स्टॉफ उपस्थित रहे

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