रायपुर: रंगो का त्यौहार आने वाला है। 18 मार्च को पूरे भारत वर्ष में होली धूमधाम से मनाई जाएगी, लेकिन छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के सेमरा गांव में ही होलिका दहन कर लिया जायेगा,जबकि कल रंग खेला जायेगा। आखिर क्यों सेमरा ग्रामीण एक सप्ताह पहले ही होली लेते हैं,इसके पीछे भी बड़ी रोचक है।
धमतरी जिले के सेमरा नाम के गांव में आज 12 मार्च को होलिका दहन किया जायेगा और कल 13 मार्च को रंग खेला जायेगा। दरअसल इस गांव में परंपरा है कि यहां होली का त्यौहार पंचांग में तय तिथि से 7 दिनों पहले मनाया जाता है। ग्रामीण बताते हैं कि ऐसा नहीं है कि गांव में केवल होली का त्यौहार ही समय से पहले मनाया जाता है। चाहे होली हो या फिर दीपावली, हरेली ,पोला का त्यौहार इन्हे भी ग्रामीण समय से पहले ही मनाते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि परमपराओं को मानने से देवता प्रसन्न रहते हैं और गांव में कोई विपदा नहीं आती।
सेमरा के ग्रामीण कहते हैं कि उनके गांव में सिरदार देव को आराध्य देवता माना जाता है। उनकी पूजा-अर्चना के बिना गांव में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता हैं। कई सालो पहले गांव में रहने वाले एक बैगा को सपना आया था कि गांव में होली ,तीजा-पोला ,हरेली और दीपावली का त्यौहार पंचांग में दी जाने वाली तिथि पर ना मनाकर उससे पहले ही मना लेने से गांव विपदा से मुक्त रहेगा और शांति कायम रहेगी।
ग्रामीण कहते है कि पहले तो लोगों ने बैगा की बातों पर ध्यान नहीं दिया और तिथि मुताबिक ही त्यौहार मनाने लगे। बताते हैं कि बैगा की बात को अनदेखा करने की वजह से गांव में अनहोनी ,अप्रिय घटनाये घटने लगीं तब सारे ग्रामीण बैगा के पास गए, तो उसने बताया कि गांव के आराध्य सिरदारदेव ने ही उसे सपने में यह बताया था कि तय तिथि में त्यौहार ना मनाएं ,उसे ना मानने की वजह से ही गांव में मुसीबत आन पड़ी हैं।
लोककथा के मुताबिक ही मनाते आ रहे हैं त्यौहार
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि बैगा के कथन के मुताबिक ही गांव में होली ,तीजा-पोला ,हरेली और दीपावली का त्यौहार पंचांग में दी तिथि से पहले मना लिया जाता है। यह सिलसिला कब से जारी है ,उसकी कोई जानकारी नहीं हैं,क्योंकि गांव के बुज़ुर्ग खुद अपने पूर्वजों से विरासत में मिली इस लोक कथा के मुताबिक ही त्यौहार मनाते आ रहे हैं। बहरहाल इस होली के शौकीन लोग होली खेलने की चाहत लिए हर साल इस गांव की तरफ खींचे चले आते हैं।