लंबे इंतजार के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन में शनिवार को बदलाव हुआ। इस बदलाव की सूची सीधे अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) ने जारी की। संगठन से जिन लोगों को हटाया गया है उनमें से तीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाते हैं।
रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला लागू हो गया है। इसके तहत निगम-मंडल में कुर्सी पा चुके नेताओं को प्रदेश संगठन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। पार्टी नेताओं के अनुसार इस फार्मूले से पार्टी के अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं को पद मिल सकता है। वैसे भी 15 साल बाद सत्ता में वापस आई कांग्रेस पार्टी में पदों की तुलना में दावेदारों की संख्या कई गुना ज्यादा है। इस कारण से अब तक सभी निगम-मंडल और प्राधिकरणों में नियुक्ति नहीं हो पाई है।
लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस संगठन में शनिवार को बदलाव हुआ। इस बदलाव की सूची सीधे अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) ने जारी की। संगठन से जिन लोगों को हटाया गया है, उनमें से तीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाते हैं।इनमें संचार विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी के साथ उपाध्यक्ष रहे गिरिश देवांगन और अटल श्रीवास्तव का नाम भी शामिल है। तीनों को निगम-मंडल में कुर्सी मिल चुकी है।
त्रिवेदी पाठ्य पुस्तक, देवांगन खनिज विकास निगम और श्रीवास्तव पर्यटन मंडल के अध्यक्ष हैं। ऐसे ही निगम-मंडल में कुर्सी पा चुके पदमा मनहर व भानुप्रताप सिंह भी संगठन से हटा दिए गए हैं। संगठन के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार हाईकमान ने यह कदम उठाकर साफ कर दिया है कि पार्टी में अब एक व्यक्ति एक ही पद पर रहेगा। इससे उन लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं, जिन्हें अब तक संगठन या सरकार में स्थान नहीं मिला है।
महंत की नाराजगी के बाद हटाए गए चंद्राकर
पार्टी के चार जिलाध्यक्ष भी बदले गए है। इनमें जांजगीर-चांपा के जिलाध्यक्ष रहे चोलेश्वर चंद्राकर भी शामिल हैं। विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत का निर्वाचन क्षेत्र इसी जिले में है। पार्टी सूत्रों के अनुसार डा. महंत, चंद्राकर को अध्यक्ष बनाए जाने के खिलाफ थे। इसी वजह से पार्टी ने चंद्राकर के स्थान पर राघवेंद्र सिंह को जिला की कमान सौंपी है। महिला आयोग में सदस्य की जिम्मेदारी संभाल रही तुलसी साहू के स्थान पर मुकेश चंद्राकर को भिलाई शहर का अध्यक्ष बनाया गया है।