सूरजपुर।
जनपद पंचायत ओड़गी के ग्राम पंचायत माडर में 15वें वित्त आयोग की राशि के उपयोग को लेकर ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत स्तर पर विकास कार्यों के नाम पर राशि तो खर्च दिखाई जा रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर पारदर्शिता का अभाव है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सचिव और सरपंच के हस्ताक्षर के बिना ही बिल वाउचर को पंचायत पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल लापरवाही नहीं बल्कि गंभीर गड़बड़ी का संकेत है। बिना हस्ताक्षर वाले दस्तावेज अपलोड करना इस बात की ओर इशारा करता है कि राशि का वास्तविक उपयोग कहीं और किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि संबंधित सचिव को एक साथ दो-दो पंचायतों का प्रभार देकर रखा गया है, जिससे कार्यों में गड़बड़ी और वित्तीय अनियमितता बढ़ रही है।
इसके साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि जनपद पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों ने भी बिना वेरिफिकेशन किए राशि का आहरण कर दिया, जिससे पूरे सिस्टम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। उनका कहना है कि जब अधिकारी ही दस्तावेजों को सत्यापित किए बिना भुगतान कर देंगे, तो गड़बड़ी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा।
ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है, बल्कि पूर्व में भी ग्राम पंचायत भाकुरा में वित्तीय गड़बड़ी और अनियमितता की आशंका जताई जाती रही है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस ओर गंभीर ध्यान नहीं दिया गया, जिसके चलते अब फिर से वही हालात सामने आ रहे हैं।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।