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छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश कोयला उद्योग के लिए अलग से कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध कराए – हरिद्वार सिंह

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बिलासपुर,डॉ प्रताप नारायण सिंह: आज पूरा देश कोविड-19 के भीषण महामारी के दौर से गुजर रहा है। मoप्रo एवं छoगo सहित देश के कई राज्यों में लॉक डाउन चल रहा है। हालात यह है कि कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रहा है, ना जाने कितने लोगों की जान जा चुकी है, कितने लोग अस्पताल में भर्ती हैं, अस्पतालों में बिस्तर नहीं है, ऑक्सीजन सिलेंडर की बेहद कमी है, वेंटीलेटर का बहुत अभाव है। इन तमाम बातों के बावजूद जहां देश में बड़े बड़े औद्यौगिक प्रतिष्ठान बंद हैं, वहीं कोयला खदानो में कोयला उत्पादन का कार्य लगातार जारी है। कोयला कर्मचारी रात दिन कार्य कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश राज्य अन्तर्गत एसईसीएल तथा मध्यप्रदेश राज्य के अंतर्गत डब्ल्यूसीएल एवं एनसीएल कोयला कंपनी में कोविड-19 के भीषण महामारी के बावजूद कोयला कर्मचारी लगातार अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य कर रहे हैं ताकि देश में कोयले की कमी ना हो और देश अंधेरे में ना जाए। विगत वर्ष 2020 से लेकर अभी तक अकेले एसईसीएल में लगभग 125 से 130 कर्मचारियों की जान कोविड-19 के कारण गई है, अभी भी बहुत से कर्मचारी एवं उनके परिजन अस्पतालों में भर्ती हैं। इसी तरह डब्ल्यूसीएल एवं एनसीएल में भी कोयला कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं, सभी जगह हालात बेहद खराब है।

उपरोक्त बातों को कहते हुए मध्यप्रदेश राज्य एटक के अध्यक्ष, एटक एसईसीएल के महामंत्री एवं एसईसीएल संचालन समिति के सदस्य कामरेड हरिद्वार सिंह ने मध्यप्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री तथा छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को दिनांक 10 मई 2021 को पत्र क्रमांक 107 एवं 325 के माध्यम से यह मांग किया है कि राज्य शासन कोयला उद्योग के लिए अलग से पर्याप्त मात्रा में कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध कराए। ताकि कोयला उद्योग का प्रबंधन अपने अस्पतालों में अपने कर्मचारियों को कोविड-19 का टीका लगाकर उनकी जान बचा सके।

कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा है कि कोयला खदान के कर्मचारी प्रकृति के नियमों के विपरीत कार्य करके ज़मीन के नीचे से कोयला निकालते हैं। कार्य का स्वरूप ऐसा है कि कोयला खदान के कर्मचारियो को समूह में कार्य करना पड़ता हैं। जिस कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्णतः पालन नहीं हो पाता है। खदान में शिफ्ट में कार्य होता है और एक ही मशीन का उपयोग कई कर्मचारी करते हैं। इस तरह की कई समस्याओं का सामना करते हुए कोयला कर्मचारी कार्य करते हैं। आज के समय में कोयला कर्मचारी कोरोना वॉलंटियर्स का कार्य कर रहे हैं। देश सेवा का कार्य कर रहे हैं। लेकिन कोयला कर्मचारियों को कोई भी अतिरिक्त लाभ नहीं दिया गया है। वर्तमान में पूरे देश में भय का माहौल है, अपनी जान सुरक्षित रखना मुश्किल है, फिर भी कोयला कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर पूरी दृढ़ता से प्रतिदिन कार्य कर रहे हैं। मास्क, सैनिटाइजर का उपयोग, सोशल डिस्टेंसिंग कोरोना से बचाव का एक रास्ता है लेकिन जब तक टीका न लग जाए तब तक कोई भी सुरक्षित नहीं है। कोरोना से जान बचाने का एकमात्र स्थायी उपाय टीका ही है। राज्य शासन के अधिकारियों के द्वारा बहुत ही कम संख्या में टीका उपलब्ध कराया जा रहा है जिसकी वजह से कोयला कर्मचारियों को टीका नहीं लग पा रहा है। जबकि कोयला कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगना चाहिए। इसीलिए मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री से यह अनुरोध किया गया है कि कोयला उद्योग के लिए अलग से कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध कराया जाए।

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