अनिल कुमार सूरजपुर
सूरजपुर/ कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह के निर्देश पर जिला पंचायत सीईओ राहुल देव के मार्गदर्शन में जिला पंचायत संसाधन केन्द्र सूरजपुर में विकासखण्ड भैयाथान, ओड़गी के सरपंच एवं सचिवों का आज प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जिसमें 15 वां वित्त की जानकारी देते हुए जिला सीईओ ने कहा कि पंचायत में भुगतान के लिए सभी सचिव मेकर है वहीं सभी सरपंच उसके चेकर है। सरकारी पैसे का दुरूपयोग न हो इसके लिए सरपंच व सचिव को समन्वय बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है। ग्राम पंचायतों में किसी प्रकार की गतिविधियाँ होती है। तो उसकी जानकारी सरपंच सचिव को अवश्य होनी चाहिए। सभी अपने कर्तव्यों एवं दायित्यों प्रति सजग होकर कार्य करें। सरपंच सचिव अपना डीजिटल हस्ताक्षर अपने पास रखें। सभी पंचायतों में पंचायत अधिकार पुस्तिका दिया गया है उसका आपको अध्ययन कर जानकारी प्राप्त करना है। मनरेगा से मजदूरी कार्य के लिए जितना हो सके अधिक से अधिक मजदूर निकाले। उन्होंने कहा कि 14 वित्त एवं मूलभूत के कार्यांे में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी।
जिला पंचायत सीईओं ने सरपंच एवं सचिवों को सम्बोधित करते हुए बताया कि पंचायत की कार्यप्रणाली और गतिविधियों को करीब से देखते-समझते आपको अनुभव हो गया है कि हर दिन कुछ नया सीखते हैं। नई-नई परिस्थितियों बनती रहती है। उन्हें नियंत्रण करना, उनसे निपटना और उन्हें लोकहित में अनुकूल बनाना एक नया अनुभव होता है। इस दृष्टि से प्रशिक्षण को हमने महत्व दिया है। भविष्य में भी यह निरंतर जारी रहेगा।
पंचायत कार्यालयों के प्रबंधन पर आप विशेष ध्यान दें। विकास के कार्यों में हमारी बढती भूमिका को देखते हुए कार्यालय प्रबंधन बेहद जरूरी है। अपनी-अपनी पंचायतों की हर गतिविधि का रिकार्ड दुरूस्त रखें। किसी कार्य या गतिविधि में मिली असफलता से घबरायें नहीं और न ही पीछे हटें। असफलता एक प्रकार की सीख होती है। यह कोई स्थाई चीज नहीं है। मेरी आपसे अपेक्षा है कि आपकी पंचायत आदर्श ग्राम पंचायत के रूप में पहचानी जाये। इसके लिये पहले आप सेवाओं के प्रदाय की हर व्यवस्था पर निगरानी रखें। इस बात की चिंता करें कि सरकार की योजनाओं का लाभ मिलने से कोई जरूरतमंद हितग्राही छूट नहीं जाये। विकास कार्य लोगों की आपसी सहमति और सहयोग से ही संभव हो पाते हैं। सामाजिक-आर्थिक और भौगोलिक परिस्थितियां भिन्न होती है। इसलिये समस्याओं के समाधान के नये-नये तौर-तरीकों पर निरंतर सोचते रहना चाहिये। लोगों को भी इस प्रक्रिया में शामिल करना चाहिए।
कोई भी पंचायत तभी अच्छी पंचायत बन सकती है जब वह साफ सुघ्घर हो और उसमें न्यूनतम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों।
लेखा प्रबंधन की जानकारी देते हुए सीईओ ने बताया कि लेखा प्रक्रिया में पंचायत निधि आय व्यय तथा परिणाम शामिल हैं। उन्होंने पंचायत निधि, एकल खाता, ग्राम पंचायत की निधि में शामिल शासकीय अनुदान, स्वयं की आय, ग्राम पंचायत निधि, ग्राम पंचायत के व्यय में सम्मिलित-पूंजीगत व्यय, स्थापना व्यय और व्यय परिणामों को अभिलेखों में दर्ज किये जाने की जानकारी प्रदान की। बैंक पासबुक, लेजर, प्राप्त रसीद, व्यय व्हाउचर्स, कैशबुक, परिसंपत्ति पंजी, स्टॉक पंजी के बारे में जानकारी देते हुए यह भी बताया कि इन अभिलेखों का संधारण हमारी वैधानिक बाध्यता है।
इस दौरान भैयाथान एसडीएम प्रकाश सिंह राजपूत, उप संचालक समाज कल्याण, एपीओ के.एम. पाठक, डीपीएम स्वच्छ भारत मिशन मनीष सिंन्हा, डीसी पीएमएवाई दीपक साहू, डीपीएम एनआरएलएम ज्ञानेन्द्र सिंह, आरजीएसए शशि सिन्हा सहित जिला पंचायत के कर्मचारी उपस्थित थे। जिन्होंने प्रशिक्षण में सरपंच एवं सचिवों विभिन्न योजनाओं विस्तृत जानकारी दी।