महाराष्ट्र। मौजूदा हालात में अगर किसी शख्स को सबसे ज्यादा डर लगता है तो वह है बीमारी और बीमारी पर होने वाले महंगे इलाज से. लोगों के इसी डर और इसी समस्या को देखते हुए मुंबई के दो नौजवानों ने एक ऐसा कदम उठाया है, जहां पर होगा लोगों का सस्ता इलाज और सिर्फ ₹20 की ओपीडी चार्ज के साथ बीमारी के स्पेशलिस्ट डॉक्टर देखेंगे, मुंबई के दो दोस्त जिसमें एक फार्मा कंपनी में बड़े पद पर काम कर चुका है तो दूसरा फार्मा कंपनियों का डिस्ट्रीब्यूटर रह चुका है, जिनका नाम रोहित झा और सुमित जैन है.
रोहित झा की उम्र करीब 32 साल है और सुमित जैन की उम्र 35 साल. कोरोना के बीते हालातों को देखते हुए इन दोनों नौजवानों को अक्सर लगता था कि वह किस तरह से लोगों की मदद कर सकते हैं, इन्हें अक्सर सुनने को मिलता था कि लोग महंगे इलाज को लेकर कितना परेशान हैं और यहीं बात इन्हें दिन-रात परेशान करती थी. अपनी इसी उलझन को मिटाने के लिए इन्होंने एक हॉस्पिटल शुरू करने की योजना बनाई जहां पर लोगों का सस्ता इलाज हो सके और वह अस्पताल तमाम तरह की सुविधाओं से भी लैश हो.
करीब एक साल पहले से उन्होंने इस अस्पताल को शुरू करने की योजना पर काम करना शुरू किया. मुंबई के मीरा भयंदर इलाके में एक तीन मंजिला इमारत ली और यहां पर करीब 50 बेड वाले अस्पताल की शुरुआत की. इसका नाम जैन मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल रखा गया. इस अस्पताल के डायरेक्टर बन चुके रोहित झा बताते हैं कि किस तरह से उन्हें ₹20 में ओपीडी शुरुआत करने का आईडिया मिला. वह बताते हैं कि उनके अस्पताल के बाहर एक बार एक गर्भवती महिला आई. उनके परिवार वालों ने बाहर से देखा कि अस्पताल बाहर से देखने में तो बहुत अच्छा है और यह महंगा भी होगा इसलिए वह अंदर आने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे लेकिन महिला के पेट में बेहद दर्द हो रहा था यह बात उन्हें पता चली उन्होंने तुरंत महिला को अस्पताल के अंदर लिया. अस्पताल में पहली महिला की डिलीवरी हुई उसने एक बच्ची को जन्म दिया था. उनका खर्च भी बेहद कम हुआ. लेकिन उस दिन से रोहित और सुमित को यह बात खटक रही थी कि लोग अस्पताल की सुंदरता को देखकर उसे महंगा समझ रहे हैं. यह एक मरीज के लिए अच्छी बात नहीं है इसलिए उन्होंने निर्णय लिया कि वह इसका प्रचार करेंगे और सबको यह बताएंगे इस अस्पताल में सस्ता इलाज होता है सिर्फ शुरू में उन्होंने अपनी ओपीडी फीस ₹50 रखी. फिर उन्हें लगा कि नहीं हम इसे और भी कम कर सकते हैं और फिर ₹20 में ही आने वाले मरीज को उनके डॉक्टर देखने लगे और लोगों का सस्ता इलाज करने लगे.
दोनों दोस्त बताते हैं कि लोगों तक ये बात कैसे पहुंचाई जाए कि सारी सुविधा से लैस अस्पताल में सस्ता इलाज भी हो सकता है, इसके लिए उन्होंने पंपलेट बंटवाये, बैनर से प्रचार किया. सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों तक अपनी ये बात पहुंचाई की कोई अगर बीमार है तो उसे डरने की जरूरत नहीं वह ₹20 में भी डॉक्टर को दिखा सकता है और उसका इलाज सस्ते से सस्ते और अच्छे डॉक्टरों के हाथों भी हो सकता है. रोहित और सुमित के इस प्रयास में अब तमाम स्पेशलिस्ट डॉक्टर भी उनका साथ दे रहे हैं, अपने इस प्रयास के बारे में मरीजों का विश्वास बढ़ता देख अब रोहित और सुमित ने योजना बनाई है कि वह छोटे-छोटे क्लीनिक भी उन तमाम इलाकों में खोलेंगे जहां पर गरीब और मध्यम वर्ग के लोग रहते हैं और जो बीमारी के नाम पर भारी फीस भरने की हैसियत नहीं रखते हैं, जिसकी शुरुआत उन्होंने भयंदर इलाके में एक क्लीनिक से की है. जहां पर लोगों का इलाज किया जा रहा है और आसपास के लोग इस सस्ते दवाखाना से इलाज करा कर बेहद खुश हैं और वहां काम करने वाले डॉक्टर भी लोगों की इस सेवा से बेहद खुश नजर आ रहे हैं.