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शासकीय स्कूल सोनगरा में 19 छात्राओं ने लगाया शोषण का आरोप, शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज

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सूरजपुर/प्रतापपुर/IRN.24… गुरु-शिष्य के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाली एक गंभीर घटना ने पूरे जिले को झकझोर दिया है। प्रतापपुर विकासखंड के सोनगरा शासकीय स्कूल की 19 छात्राओं ने शिक्षकों पर शोषण का आरोप लगाया है। छात्राओं ने स्कूल के शिक्षक सुमन कुमार रवि और एक महिला प्रभारी प्रधान पाठिका पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें अश्लील हरकतें और शोषण की शिकायत शामिल है।जांच में आरोप सही पाए गएछात्राओं द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) ललिता भगत और शिक्षा विभाग ने एक विशेष जांच टीम का गठन किया। जांच के दौरान, आरोप सही पाए गए। जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपित शिक्षक और महिला सहयोगी के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया गया।घटना की गंभीरता और पुलिस की कार्यवाहीआरोपित शिक्षक सुमन कुमार रवि पर छात्राओं ने अश्लील बातें करने, अश्लील हरकतें करने और मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए। वहीं, महिला प्रधान पाठिका पर इन घटनाओं को छुपाने और सहयोग करने का आरोप है। घटना के उजागर होने के बाद से दोनों आरोपित फरार हैं। स्थानीय भटगांव पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।छात्राओं का साहस और विभाग की त्वरित कार्रवाईछात्राओं की शिकायत पर शिक्षा विभाग ने गंभीरता दिखाते हुए तुरंत कदम उठाए। विभाग ने पुलिस को प्रतिवेदन सौंपते हुए आरोपितों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इस मामले में शामिल 19 छात्राओं के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।गुरु-शिष्य संबंध हुआ कलंकितयह घटना गुरु-शिष्य के सम्मानित रिश्ते पर एक गहरा धब्बा है। शिक्षकों की हैवानियत ने न केवल स्कूल की छवि को धूमिल किया है, बल्कि समाज में एक बड़ी चिंता को भी जन्म दिया है।शिक्षा विभाग और पुलिस का बयानशिक्षा विभाग ने कहा कि ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आरोपितों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए सभी कानूनी उपाय किए जाएंगे। पुलिस ने भी आश्वासन दिया है कि आरोपित जल्द ही गिरफ्त में होंगे।समाज में जागरूकता की आवश्यकतायह मामला समाज के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। स्कूलों में शिक्षकों की भूमिका पर निगरानी और छात्रों को जागरूक करने के उपायों पर जोर देना आवश्यक हो गया है।यह घटना न केवल शिक्षा क्षेत्र, बल्कि पूरे समाज को आत्ममंथन करने के लिए मजबूर करती है। अब देखना यह है कि आरोपितों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने में प्रशासन कितनी जल्दी और प्रभावी कार्रवाई करता है।

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