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पर्यावरण: सिर कटेगा, लेकिन पेड़ नहीं कटने देंगे, ग्रामीण सड़कों पर उतरे

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खूंटी: झारखंड में 6 पेड़ों के कटने पर एक गांव के लोग प्रशासन के खिलाफ उतर आए. मामला खूंटी जिले के टोड़ांगकेल का है. वहां 6 आम के पेड़ गांववालों के मना करने के बावजूद प्रशासन ने काट दिए, जिसके खिलाफ ग्रामीण सड़कों पर उतर आए. विरोध बढ़ता देख प्रशासन को गांव को छावनी में तब्दील करना पड़ा. प्रशासन से लिखित में लेने के बाद ही ग्रामीण सड़कों से हटे. विरोध कर रहे ग्रामीणों का कहना था कि सिर कटेगा, लेकिन पेड़ नहीं कटने देंगे.

विरोध कर रहे लोगों के हाथों में जीवन बचाओ, वृक्ष काटना बंद करो, पर्यावरण को बचाना है, जैसे नारों के पोस्टर थे. दरअसल, टोड़ांगकेल गांव में 6 विशाल आम के पेड़ प्रशासन ने काट दिए थे. इस बात से ग्रामीणों में नाराजगी थी. इस बात को ही लेकर 1 फरवरी को ग्रामीण सड़कों पर उतर आए. इसके पहले ग्रामीणों ने बाकायदा प्रशासन को चेतावनी दी थी. लेकिन उनकी अर्जी की अनदेखी करने पर वे भड़क गए. पुलिस और प्रशासन का विरोध करने के लिए बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा हुए थे. इनमें महिलाएं भी शामिल थीं. ग्रामीणों ने बकायदा रैली निकालकर प्रशासन के पेड़ काटने का विरोध किया.

पूरे प्रशासनिक अमले को आना पड़ा सड़क पर रैली में शामिल ग्रामीणों को समझाने के लिए एसडीओ सैयद रियाज अहमद, डीएसपी अमित कुमार, एलआरडीसी जितेन्द्र मुण्डा, कार्यपालक पदाधिकारी और सीओ सभी को आना पड़ा. एसडीओ ने बताया कि फिलहाल निर्माण कार्य और वृक्ष कटाई पर प्रशासन ने रोक लगा रखी है ताकि जिले में लॉ एंड आर्डर की स्थिति शांतिपूर्ण और सामान्य बनी रहे. ग्रामीणों की जागरूकता से प्रशासन हैरान पर्यवारण को लेकर ग्रामीणों में इस तरह की जागरूकता से प्रशासन भी सकते में है. बता दें कि खूंटी का 90 प्रतिशत से ज्यादा इलाका ग्रामीण है. खूंटी का कुल इलाका 2,535 वर्ग किलोमीटर है. इसमें सिर्फ 34 वर्ग किलोमीटर आबादी ही शहरी है. जबकि 2501 वर्ग किलोमीटर ग्रामीण है.

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